- ब्रांडेड खूशबू वाला चावल पकते ही हो जाता है बेस्वाद
- नक्काल बेखौफ, शासन-प्रशासन का डऱ नहीं
- नक्कालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए
- ब्रांडेड कंपनियों के नकली सामान मिलते हैं मुंह मांगे दाम पर,
- दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाली सभी आवश्यक सामग्री नकली
- सौंदर्यप्रसाधन के नकली सामान मेंस सेलून और ब्यूटीपार्लर, स्पॉ में हो रही सप्लाई
- गुटखा, शराब, बिड़ी ,सिगरेट, गुड़ाखू, गांजा, भांग, अफीम, चरस और हुक्का का तम्बाखू,ब्रांडेड कंपनियों के कपड़े का हो रहा नकली उत्पादन
- मिनरल वाटर, खोवा, मिटाई, ब्रांडेड कंपनियों के चाय, दाल-चावल सहित खाने-पीने के नकली
- पैकेजिंग वाले उत्पाद खप रहा धड़ल्ले से
- नकली दवाइयों के साथ मोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स गुड्स, एलईडी, प्रेस, इमरशन रॉड,बल्ब, बिजली के घरेलू स्वीच बोर्ड, सॉटेक-प्लग, वायर मार्केट में गुणवत्ता जांचने वाले गहरी नींद में
- 'जनता से रिश्ता' जनसरोकार में नकली उत्पादों को ले कर रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है - बड़ी कंपनियों को चूना लगाने डुप्लीकेट प्रोडक्ट का अंधा मार्केट बड़ी और नामचीन कंपनियों के हूबहू ट्रेडमार्क की नकल, नकली मिनरल वाटर सहित चिप्स, नड्डा, कुरकुरे, बिस्किट, चाय, काफी कोल्डड्रींक्स, साबुन, तेल, पेस्ट, डियो, फेस पैक, नेल पालिश, ब्यूटी-प्रोडक्ट, ब्लेड, शैंपू, काजू, किसमिश, लौैंग इलायची, दवाई को भी नहीं बख्श रहे। घरेलू व डेली उपयोग की नकली सामान बनाने की तिल्दा, नेवरा, चकरभाटा, बिल्हा, भाटापारा, जांजगीर-चांपा, नैला रायगढ़, सिलतरा, मंदिर हसौद, धमतरी महासमुंद, दुर्ग-भिलाई, जगदलपुर-कांकेर में फैक्ट्रियां के अलावा रायपुर में भी अवैध फैक्ट्री संचालित हो रहे है। साप्ताहिक ग्रामीण बाजार से लेकर बड़े जिलों के मुख्य बाजारों में नकली खाद्य सामग्री खपाने का गोरखधंधा बेखोफ चल रहा है। कम पूंजी लगाकर रातों-रात अरबपति बनने के खेल में रसूखदारों व छुटभैय्ये नेताओं की बड़ी भूमिका है। जहां एक सिंडिकेट देश की बड़ी कंपनियों को फेल करने के इरादे से धड़ाधड़ नकली उत्पाद कर प्रदेश के बड़े बाजारों से लेकर गांव कस्बों में खपा रहा है।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। जनता से रिश्ता पिछले कई महीनों से नकली सामानों और जुआ, सट्टा, गांजा, भांग अफीम, चरस और हुक्का बारों के अलावा नशीली वस्तुओं को रोकने के लिए जन सरोकार के पक्ष में लगातार समाचार प्रकाशित कर रहा है। जिस पर संज्ञान लेकर खाद्य और औषधि प्रशासन ने कार्रवाई भी की है । लेकिन नकली खाद्य सामग्री के साथ कास्मेटिक, चावल-दाल भी ब्रांडेड कंपनियों के नाम से बनाकर बड़े-बड़े मार्ट के माध्यम से बेच रहे है। नशे के कारोबारियों का जाल समाज में ऐसा फैला हुआ है जो हर घर के युवाओं को अपनी जद में ले लिया है। जनता से रिश्ता अपनी सामाजिक दायित्व को समझते हुए नकली सामानों और नशीले पदार्थ के खिलाफ लगातार मुहिम चला रहा है।
मार्ट का खूशबू वाला चावल पकाते ही बन गया उसना चावल
सबसे मजेदार बात यह है कि प्रदेश के मार्ट में मिलने वाला ब्रांडेड चावल जिसमें बासमति की खूशबू और जीरा फूल जैसे स्वाद का दावा किया जाता है वह घर में पकते ही उसना चावल में परिवर्तित हो जाता है। खूशबू तो गायब हो ही जाती है साथ ही खाने योग्य भी नहीं रह पाता। जबकि मार्ट में चावल हाथ में लेते ही खूशबू से महक उठाता है, पर जैसे ही घर में पकाया जाता है, कंट्रोल का गरीबी रेखा वाला चावल बन जाता है। वही हाल दाल का है, दाल में काला की कहावत तो लोगों ने बहुत सुनी होगी लेकिन अब
मार्ट में खाद्य सामग्री खरीदकर दाल में काला को प्रत्यक्ष रूप से देख भी रहे है। जानकारों ने बताया कि ऊंचे क्वालिटी के तुअरदाल का दावा करने वाले दाल भी नकली है, जो सोयाबीन को पालिस कर तुअरदाल की शक्ल दिया जाकर उसे 50 प्रतिशत डिस्काउंट देकर धड़ल्ले से बेच रहे है। पूरे प्रदेश में नकली सामग्री का अंबार लगा हुआ है। किसे असली कहे और किसे नकली कहे कोई मापदंड या गुणवत्ता परीक्षण का कोई उपकरण प्रदेश में उपलब्ध नहीं है।
पुलिस को झांसा देने कारोबार बदलतेे रहते है
असामाजिक तत्व शासन तथा पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद असामाजिक तत्व पुलिस को झांसा देने के लिए कारोबार बदलतेे रहते है। नशीले पदार्थ के साथ नकली सामान बेचने के धंधा में भी हाथ डाल दिया है। नशे के कारोबारियों ने अब नकली सामानों का जाल छत्तीसगढ़ में बिछा रखा है। खाने-पीने से लेकर दवाइयों को भी नक्कालों ने नहीं छोड़ा है। जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करके ये लाखों रूपये मुनाफा कमा रहे हैं। जनता से रिश्ता ने इसका खुलासा करते हुए खबर प्रकाशित किया था कि नक्कालों ने संक्रमण काल में रेमडेसिविर को भी नहीं छोड़ा वनांचल और दूरस्थ गांवों में इन्होंने फैक्ट्री बना रखी है, जहां धड़ल्ले से नकली सामानों का निर्माण फैक्ट्रियों में हो रहा है जहां पुलिस और प्रशासन का पहुंचना आसान नहीं, पगडंडी को बना लिया है सडक़, गांव वालों को रोजगार देने के नाम पर सस्ते में खरीद रखी है जमीन या दे रखा है कर्ज। देखा जाये तो देश के नामचीन ब्रांडेड और बड़ी कंपनियों के नकली उत्पाद का गढ़ छत्तीसगढ़ बन चुका है। मजे की बात ये है कि ये सारी चीजें रायपुर और उसके आसपास मसलन तिल्दा-नेवरा, भाटापारा, दुर्ग, भिलाई, चकरभाटा के आलावा राजधानी से दूर-दराज के शहरों और कस्बों में बहुतायत से बनाया जा रहा है। इन सभी नकली सामानों की फैक्ट्रियां इन जगहों में ही है। जहां से पूरे छत्तीसगढ़ में नकली सामानों की सप्लाई बड़े पैमाने पर होती है। जिसके चलते लोगों की स्वास्थ्यगत परेशानियां ज्यादा ही गंभीर रूप लेती जा रही है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि बाजार में बिकने वाले नकली सामानों में एक बड़ा हिस्सा दवाओं और रोजमर्रा के जरूरत की चीजों यानी एफएमसीजी प्रोडक्ट्स का भी है।
डुप्लीकेट कॉम्पैक्ट फाउंडेशन लैक्मे क्रीम,काजल मार्केट में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर में डुप्लीकेट प्रोडक्ट जैसे कॉम्पैक्ट फाउंडेशन लैक्मे क्रीम,काजल मार्केट में आया हुआ है। जिसका सबसे बड़ा गढ़ रायपुर का तेलीबांधा क्षेत्र को माना जाता है, वहां से ही पूरे छत्तीसगढ़ में स्टॉक भेजा जाता है। चिकित्स्कों की माने तो इस नकली प्रोजेक्ट से स्किन प्रॉब्लम होगा। जिससे स्किन कैंसर भी हो सकता है। हालांकि शहरी व्यापारियों का कहना है, नकली सामने के सौदागरों पर कड़ी से कड़ी करवाई होना ही चाहिए। नकली सामानों की भरमार नक्कालों ने आम लोगों की जिंदगियों को खतरे में डालने का काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक जिन चीजों के बाजार में नकली सामानों की सबसे ज्यादा भरमार हो गई है, उनमें दवाओं के अलावा एफएमसीजी प्रोडक्ट, अल्कोहल और तंबाकू, बोतल बंद पानी, वाहनों में उपयोग में आने वाले आइल के आलावा काजू बादाम तक नकली बिक रहे हैं। नकली माल बेचने वाले जनस्वास्थ्य के साथ ये खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे समाजद्रोहियो को सख्त से सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए।
जनता को धीमा जहर देने की साजिश
कुछ समय पहले गोल बाजार रायपुर से हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड का भारी मात्रा में नकली चायपत्ती और क्रीम का जखीरा गोलबाजार पुलिस ने बरामद किया था आरोपी व्यापारी के खिलाफ अपराध भी दर्ज किया गया था । इस मामले में भी छुटभैये नेताओं का थाने में दखल था। और बाद में पुलिस ने मामले को रफा-दफा कर दिया जबकि भारी मात्रा में गोलबाज़ार स्थित दुकान से नकली चाय पत्ती जब्त की गई थी लेकिन समाज सुधारको ने ध्यान नहीं दिया और जब्ती दस बीस पैकेट का बना कर मामला ख़त्म कर दिया गया था जिसकी चर्चा काफी दिन रही लोग बाद में सब भूल गए। इस मामले में गोल बाजार पुलिस की भूमिका को लेकर भी लोगो ने सवाल खड़ा किया था लेकिन सब टॉय टॉय फुस्स हो गया। देखा गया है कि रायपुर से ही सभी बड़े कंपनियों के नकली उत्पाद प्रदेश के बड़े मार्केट से लेकर गांवों, कस्बों के साप्ताहिक हाट-बाजारों में नकली माल खपाया जा रहा है। बड़े कंपनियों को बदनाम कर उसके ब्रांड वैल्यू को खत्म करने की सभी प्रकार की कोशिश छत्तीसगढ़ में हो रही है, उनके ब्रांड के नाम से अवैध रूप नकली और अमानक उपभोक्ता वस्तु को आम जनता को बेच कर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह दुर्भाग्य है कि छत्तीसगढ़ की जनता को धीमा जहर देने की साजिश को देखते हुए भी सक्षम विभाग मूक दर्शक बना हुआ है। गंभीर बीमारियों ने घेरा आमजनों को प्रदेश के सभी विभाग मिलकर नकली उपभोक्ता सामानों के लिए कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं करता और उपभोक्ताओं को नकली सामान खाने के लिए विवश किया जा रहा है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ के लोगों को सिकलसेल, कुपोषण, लकवा, चर्म रोग, किडनी और लिवर जैसे घातक गंभीर बीमारियों जिंदगी भर झेलना पड़ता है।
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