वेबपोर्टल की आड़ में ब्लैकमेलिंग की बढ़ रही घटनाएं
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। पत्रकारिता जगत के लिए पिछले दो सालों में वेबपोर्टलों में अनेक समस्याएं खड़ी कर दी है। हर रोज धौंस-धपट के साथ अवैध वसूली की खबरों ने पत्रकारिता जगत को कलंकित कर दिया है। जनता से रिश्ता लगातार इस तरह की घटना को शासन -प्रशासन के संज्ञान में लाने की लगातार कोशिश करते रहे है। जनता से रिश्ता की खबर पर रोज पुलिस की कार्रवाई से सच की मुहर लग रही है।
प्रदेश और देशभर में इन दिनों पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करने वालों की बाढ़ आई हुई है। अपने आप को न्यूज़ वेबसाइट के पत्रकार बताकर लोगों से अवैध वसूली के मामले काफी बढ़ते जा रहे है। कुछ ऐसे फर्जी लोग खुद को न्यूज़ वेबसइट के पत्रकार बताकर लोगों से पैसा उगाही का काम करते है। इससे ईमानदार पत्रकारों पर भी लोगों का भरोसा उठते जा रहा है। ऐसे फर्जी पत्रकार रुपये कमाने के लिए हर तरह के हथकंडा अपनाते है। फर्जी वेबपोर्टल बनाकर सड़कों पर घूमने वाले पत्रकार लोगों से अवैध वसूली के नाम पर धब्बा लगा देते है। लोगों को धमकाकर वसूली करने वाले वेबपोर्टलों के पत्रकार हर दिन कोई न कोई कारनामा करते ही है।
अवैध वसूली मामले में 2 गिरफ्तार, 1 हिरासत में
रेस्टोरेंट संचालक से अवैध उगाही के मामले में माना कैंप थाना पुलिस ने तीन वेब पत्रकारों के खिलाफ अपराध कायम किया है। जिसमें दो पत्रकारों को पुलिस रिमांड में लिया गया है। और एक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। मगर जब माना थाना पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई करने एक आरोपित को लाई तो पत्रकार ने थाना प्रभारी से हुज्जटबाजी की और कालर पकड़कर धमकाया भी। मामले में शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस भी दर्ज किया गया। माना पुलिस थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने बताया कि वीआइपी रोड स्ट्रीट इसिता पैराडाइस ब्लाक एक, तेलीबांधा निवासी सर्वेश द्धिवेदी (28) का वीआइपी रोड पीटीएस चौक पर एबोय एंड बियोन नाम से रेस्टोरेंट है। रेस्टोंरेंट का एक साल पूरा होने पर छह फरवरी को ग्राहकों के लिए बाकायदा प्रशासन से अनुमति लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
थानेदार को जान से मरवा देने की दी धमकी
थाना प्रभारी ने बताया कि उगाही के आरोपितों को पकडऩे के लिए दल-बल के साथ सुनील नामदेव के वीआइपी रोड एयरपोर्ट स्थित घर गए तो वहां उनकी पत्नी मनमीत कौर तथा साला प्रीतपाल सिंह मिले। पूछने पर कहीं घूमने जाने की जानकारी दी। पुलिस टीम सुनील के आने का वहीं पर इंतजार कर रही थी, तभी भीतर से सुनील की आवाज आई। तब स्वजनों को साथ लेकर पुलिस घर के अंदर गई। वहां सुनील नामदेव छिपा मिला। केस दर्ज होने की जानकारी देकर दफ्तर दिखाने को कहा। इस बीच गुस्से में आकर सुनील ने जातिगत गाली-गलौज कर कालर पकड़कर वर्दी उतरवा देने और जान से मरवा देने की धमकी दी और झूमा-झपटी की। इस दौरान साथ गए तेलीबांधा थाना प्रभारी सोनल ग्वाला, महिला उप निरीक्षक दिव्या शर्मा उपनिरीक्षक सौमित्री भोई आदि ने बीच-बचाव कर उसे शांत कराया।
इसके बाद पुलिस टीम सुनील को गिरफ्तार कर थाना लेकर आई। मामले में उसके खिलाफ एक और केस धारा 186,189,353,294,506,एक्ट्रोसिटी एक्ट की धारा 3(1) द,ध क के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया।
आरएनआई और डीपीआर में पंजीयन हो अनिवार्य
पत्रकारिता के ग्लेमर को भुनाने के लिए पिछले दो सालों में वेबपोर्टलों की बाढ़ ने अवैध वसूली जैसे करप्शन को जन्म दिया है, खबरों के नाम पर धौस-धपट, धमकी, चमकी को संज्ञान में लेकर सरकार को उन्ही वेब पोर्टलों को अधिकृत सूची में शामिल करना चाहिए जिनका आरएनआई और डीपीआर में पंजीयन हुआ हो उन्हें ही वेबपोर्टल संचालन की अनुमति देनी चाहिए । साथ ही अपंजीकृत वेबपोर्टलों कड़ी नजर रखते हुए उन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे फर्जी वेबपोर्टलों और अवैध वसूली वसूली पर कानूनन रोक लगाई जा सके।
ये था पूरा मामला
कार्यक्रम के दौरान रात 11 बजे कैमरा, माइक लेकर दो-तीन व्यक्ति अनाधिकृत रूप से रेस्टोंरेंट के भीतर घुसकर वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी करने लगे। इस दौरान उन लोगों ने कहा कि देर रात्रि तक कैसे रेस्टोंरेंट चला रहे हो और लोगों को शराब परोस रहे हो? आरोपितों ने अपना नाम बेव पत्रकार सुनील नामदेव, साजिद, शहबाज के रूप में दिया। रेस्टोंरेंट के जीएम का वीडियो वायरल करने की धमकी देकर अवैध तरीके से 30 हजार रुपये वसूल लिए, फिर और पैसे मांगने लगे। जीएम ने पैसे देने से मना किया तो बदनाम करने की धमकी दी। इस दौरान आरोपितों ने रेस्टोंरेंट स्टाफ आशीष नामदेव (जीएम), रामदास, धवल सुना, महिला स्टाफ व ग्राहकों के साथ गाली-गलौज करने लगे। तब कई ग्राहक डरकर चले गए। इस घटना के बाद से रेस्टोरेंट में ग्राहकों की आवाजाही काफी कम हो गई, जिससे रेस्टोंरेंट को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।
इस बीच दीदी का स्वास्थ्य खराब होने पर अचानक सर्वेश द्विवेदी को मुंबई जाना पड़ा, जिसकी वजह से थाने में शिकायत नहीं कर सके। शनिवार को मामले की शिकायत पर पुुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 294,384,34 का अपराध कायम कर लिया। मामले में सुनील नामदेव और साजिद को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शहबाज को हिरासत में लिया गया है।
मोबाइल में नक्सली पर्चा, कोर्ट ने जारी किया सर्च वारंट
सुनील नामदेव मामले में पुलिस ने न्यायालय से सर्च वॉरेंट की मांग की थी जिसमें कोर्ट से आदेश आ गया जिसमें कोर्ट ने लिखा कि सुनील नामदेव जिसका घर और ऑफिस आनंद वाटिका माना थाना कैम्प रायपुर में स्थित है, जहां पुलिस जाकर सर्च करेगी। और अपराध से संबंधित साक्ष्य को ही पुलिस जब्त करेगी। और बाकि वस्तुओं और सामानों को पुलिस हाथ तक नहीं लगाएगी। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पहले तो आरोपी के पास कोई मोबाइल नहीं मिला था और जब मोबाइल मिला तो पुलिस ने उसकी जांच की जिसमें पुलिस को मोबाइल डीटेल के साथ नक्सली पर्चा भी मिला। अब पुलिस ने मामले को एक और दिशा में जांच करने की सोची है। कही आरोपी सुनील नामदेव नक्सली लोगों के लिए तो काम नहीं कर रहा था ये भी एक प्रश्नवाचक चिन्ह बना हुआ है। और सिर्फ सुनील के मोबाइल से ही नहीं बल्कि आरोपी साजिद के मोबाइल से भी नक्सली पर्चा पुलिस को मिला है जिसकी पूरी जांच पुलिस कर रही है।
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