रायपुर रेलवे स्टेशन में पार्किंग की आड़ में अवैध वसूली, देखें VIDEO...

छग

Update: 2024-04-14 09:16 GMT

रायपुर। रायपुर रेलवे स्टेशन में नई पार्किंग व्यवस्था लागू करने के नाम पर ठेकेदार अपने गुर्गों द्वारा जमकर अवैध वसूली करवा रहे हैं। इतना ही नहीं लोगों से सिर्फ स्टेशन की रोड से गुजरने वालों से भी पैसा वसूला जा रहा है। राजधानी के रायपुर रेलवे स्टेशन में पार्किग की आड़ में अवैध वसूली का धंधा चल रहा है। एक जागरूक नागरिक और अज्ञात व्यक्ति ने बीती रात का एक वीडियो व्हाट्सअप के जरिए भेजा जिसकी आधिकारिक पुष्टि जनता से रिश्ता नहीं कर है। जिसमें ये साफ़ दिख रहा है कि रेलवे स्टेशन में नए नियम के लागू होने के बाद से कोई भी पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारी और गुंडे यात्री को छोड़ने आए परिजन से 7 मिनट होने से पहले ही पर्ची काटकर 20 रुपए ले लेते है। जबकि नियम ये है कि रेलवे में किसी यात्री को छोड़ने आए परिजन अगर 7 मिनट से पहले रेलवे स्टेशन से बाहर निकल जाते है तो कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। मगर रेलवे के पार्किंग कर्मचारी और उनके गुंडे लोगों से पार्किंग शुल्क के नाम पर अवैध वसूली कर रहे है। सूत्रों से जानकारी सामने कि रेलवे स्टेशन में चल रहे अवैध वसूलीबाजों से तंग आकर ऑटो चालक संघ जल्द ही DRM से इसकी शिकायत करेगा और जनआंदोलन करने की भी घोषणा करेगा।

गौरतलब है कि रायपुर स्टेशन में फ्री पिकअप और ड्रापिंग की व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें दो पहिया वाहनों को 7 मिनट और कार के लिए 10 मिनट तक कोई पार्किंग शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन व्यवस्था लागू करने की आड़ में अनजान लोगों को लूटा जा रहा है।

उस जगह भी पार्किंग वसूली जा रही है जहां का ठेका ही नहीं हुआ है। रायपुर के रेलवे स्टेशन में पार्किंग का नया सिस्टम शुरू किये जाने के बाद से ठेकेदार के कर्मचारियों से लोगों का विवाद बढ़ने लगा है। शिकायत है कि बिना कोई पहचान पत्र लगाए स्टाफ लोगों के वाहन लॉक कर देते हैं और बदतमीजी करते हुए मनमाने तरीके से वसूली करते हैं। आलम ये है कि शहर के पत्रकार भी इनके दुर्व्यवहार का शिकार हो रहे हैं। 
रायपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्री और उनके परिजनों को नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल स्टेशन में होने वाली भीड़ को देखते हुए रेलवे ने नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत स्टेशन के सामने यात्रियों को छोड़ने के लिए आने वाले वाहन निर्धारित समय के लिए ही रुक सकेंगे। समय सीमा के समाप्त होने के बाद स्टैंड ठेकेदार के स्टाफ वाहन में लॉक लगा देते हैं और जुर्माने की वसूली करते हैं। इस दौरान विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। यात्रियों की शिकायत है कि दुपहिया और चौपहिया वाहन खड़ा करने की जितनी मियाद होती है।
उससे पहले ही ठेकेदार के स्टाफ गाड़ी पर लॉक लगा देते हैं। इससे यात्री काफी परेशान हैं। वाहन लॉक करने के बाद लोगों से 20 रुपया, 50 रुपया, 100 रुपया या उससे भी जायदा वसूली कर रहे हैं। ऐसे ही मामले में एक पत्रकार इन कर्मियों की मनमानी का शिकार हो गए। आज सुबह ही पत्रकार अपने रिश्तेदार को रेलवे स्टेशन छोड़ने गए। जहां उन्होंने अपने टू व्हीलर गाड़ी को खड़ा किया ही था कि कथित ठेकेदार के स्टाफ वहां पहुंच गए और लॉक लगाने लगे। जब इस इसका विरोध किया गया तो वे बदतमीजी करने लगे। और कहने लगे कि फाइन तो देना पड़ेगा। जबकि यह नियम के विपरीत है, कुछ ही सेकेंड में फाइन कैसे लिया जा सकता है।
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