कोचियों ने बनाया सिंडिकेट
रायपुर। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते रफ्तार और लाकडाउन में फिर जमाखोरी कर कमाई करने शराब के साथ आलू-प्याज के कोचिए अवैध रूप से भंडारण करना शुरू कर दिए है। शराब कोचिए मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से शराब लाकर शहर के बाहर आउटर में गोडाउन लेकर अवैध भंडारण कर रहे है पुलिस और आबकारी विभाग की उडऩदस्ता टीम लगातार छापा मार कार्रवाई कर शराब पकड़ रही है। जब से रात्रिकालीन लाकडाउन लगा है तब से सब्जी की गाडियों में शराब की सप्लाई करने का मामला सामने आया है। वहीं आलू-प्याज के थोक व्यापारी भी लाकडाउन की संभावना को देखते हुए अवैध शुरू कर दिया है। शराब कोचिए भंडारण में सक्रिय कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए यदि पूर्ण लाकडाउन लग जाएगा तो शराब दुकान भी बंद हो जाएंगे। जिसका बेजा फायदा उठाने कोचिए प्रदेश के साथ दूसरे राज्यों से शराब लाकर छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिला मुख्यालय के आऊटर में खेत या फार्म हाउस को किराए पर लेकर शराब स्टाक कर रहे है। लाकडाउन लगते ही इन स्थानों से शराब की सप्लाई पहेल की तरह शुरू हो जाएगी। पिछली बार जब लंबा लाकडाउन लगा था, तब सरकार ने मदिरा प्रेमियों की सुविधा के लिए आनलाइन शराब की सप्लाई की व्यवस्था की थी, सरकार ने हाल ही में शराब की आनलाइन सप्लाई की घोषणा करते ही शराब कोचिए सक्रिय होकर अवैध रूप में भंडारण में जुट गए है। थोक में दूसरे राज्यों से शराब लाने का सिलसिला जारी है।
आलू-प्याज को मार्केट में रोकने अवैध भंडारण : दैनिक रोजमर्रा के जीवन में सब्जी कोई भी हो लेकिन आलू-प्याज के बिना सब्जी बनना मुश्किल है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर कोचिए यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से ट्रकों से आलू-प्याज मंगवा रहे है।
राजधानी में कोचिए का सिंडिकेट तैयार : लाकडाउन का बेजा फायदा उठाने के लिए कोचियों का सिंडिकेट तैयार हो गया है। जो लाकडाउन लगते ही भाव बढ़ाकर आलू-प्याज की थोक और फुटकर विक्रेताओं को देंगे। पिछले लाकडाउन में आलू-प्याज के दाम 100-120 रुपए तक पहुंच गए थे। बाजार में अभी आलू 20 रुपए तो प्याज 35 रुपए किलो चल रहा है। अगर गलती से पूर्ण लाकडाउन हो गया तो कोचिए फिर दाम बढ़ाकर बचने के लिए सिंकिडेट बना लिया है। जो मार्केट में मांग के अनुरूप सप्लाई करेंगे।
शराब कोचियों तो 12 महीनों रहते हैं सक्रिय : लाकडाउन हो या न हो शराब कोचियों को कई फर्क नहीं पड़ता। वे तो आज बी दुकान बंद होने के बाद दुगने दाम पर मनचाहा ब्रांड शराब की सप्लाई करने में सक्षम है। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी शराब कोचियों पर कोई असर नहीं हुआ है।
129 बल्क लीटर महाराष्ट्र निर्मित देशी मदिरा जप्त
राजनांदगांव। राज्य में सीमावर्ती राज्यों से अवैध शराब परिवहन के विरुद्ध लगातार छापामार कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में राजनांदगांव जिले में कुल 129.6 बल्क लीटर अवैध देशी शराब जप्त करने की कार्रवाई की गई। इस छापामार कार्रवाई राजनांदगांव जिले के आबकारी विभाग के मैदानी अमला द्वारा किया गया। आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजनांदगांव जिले के गेंदाटोला थाना अंतर्गत ग्राम बेलरगोंदी में महारा्र्र राज्य निर्मित देशी मदिरा प्रीमियम संत्रा की 129.6 बल्क लीटर (15 पेटी) मदिरा जप्त कर छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण कायम किया गया है। उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग के मैदानी अमले द्वारा अवैध शराब के विरूद्ध लगातार छापामार कार्रवाई की जा रही है।
59 पेटी शराब जब्त, सब्जी की आड़ में तस्करी करते पकड़ाया
बलौदाबाजार। आबकारी विभाग ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है. आबकारी विभाग ने सब्जी की आड़ में शराब की सप्लाई कर रही 2 गाडि़य़ों को जब्त किया है. दोनों गाडयि़ों से 59 पेटी मध्यप्रदेश की गोवा शराब मिली है. जब्त शराब की कीमत 3 लाख से अधिक बताई जा रही है. बता दें कि आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर को मुखबिर से शराब तस्करी करने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने नाकेबंदी कर सुहेला हथबंद मार्ग में एक पिकअप और लग्जरी वाहन को पकड़ा है. इंस्पेक्टर ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर नाकेबंदी की गई थी, जिसके बाद जांच के दौरान एक सब्जी से भरी गाड़ी में मध्यप्रदेश की गोवा शराब मिली. साथ ही एक अन्य वाहन की भी जांच की गई, जिसमें 9 पेटी शराब पाई गई। मौके से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कलेक्टर सख्त, राशन-सब्जियों की जमाखोरी और कालाबाजारी पर होगी कड़ी कानूनी कार्रवाई
कोरबा। कोरोना वायरस के फैलाव से बदलते माहौल के बीच जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चावल-दाल जैसी राशन सामग्रियों और सब्जियों के दाम बढऩे तथा उनकी कालाबाजारी एवं जमाखोरी की अपुष्ट खबरों को कलेक्टर रानू साहू ने गम्भीरता से लिया है। उन्होंने लोगों का आश्वस्त किया है कि निकट भविष्य में राज्य सरकार द्वारा कोविड संक्रमण के कारण लॉकडाउन करने की अभी तक कोई योजना नहीं है। ऐसे में कलेक्टर ने किसी भी परिस्थिति में अति आवश्यक चीजों की जमाखोरी या उन्हे सामान्य दिनों के दामों से अधिक दाम पर नहीं बेचने की अपील दुकानदारों से की है।