कोरबा : रेत का अवैध उत्खनन शुरू, सरकारी काम के आड़ पर अवैध भंडारण

लाकडाउन शुरू होते ही अघोषित रेत घाटों से रेत का परिवहन और उत्खनन शुरू हो गया है।

Update: 2021-04-14 17:41 GMT

कुछ सरकारी निर्माण में कार्यो को जारी रखने की छूट दिए जाने का लाभ उठाकर गुपचुप तरीके से रेती भंडारण करने वालों को आपूर्ति की जा रही है। इधर ठेकेदारों ने भी घाट खोल कर बिक्री शुरू कर दी है। अधिकारियों के कोविड ड्यूटी में लगे होने से चिन्हांकित स्थल के बजाय दूसरे जगह से भी रेत की खुदाई कराई जा रही है।

रात के समय रात के अलावा दिन के समय रेत घाट में मजदूरों का मजमा लगा रहता है। अधिक मजूदरी का प्रलोभन देकर मजदूरों से अवैध उत्खनन और परिवहन का काम कराया जा रहा है। शहर के पंप हाउस, ढेंगुर नाला, भिलाई खुर्द के निकट से रेत निकाला जा रहा है। इन रेत घाटों में आम दिनों में भी अवैध परिवहन होता है लेकिन इन दिनों लाकडाउन के चलते उत्खनन दोगुना हो गया है। अघोषित घाटों से अवैध उत्खनन और परिवहन से नदी किनारे मिट्टी का कटाव बढ़ गया है। ऐसे जगहों में बारिश के दौरान बाढ़ की संभावना बनी है। कुछ शासकीय कार्यों को जारी रखने की भले ही प्रशासन ने अनुमति से रखी है लेकिन पर्याप्त मजदूर नहीं मिलने से काम बंद हैं। सरकारी काम के नाम पर रेत का खनन कर अवैध भंडारण करने वालों को बेचा जा रहा है। मोती सागर और गेरवाघाट से इतनी अधिक मात्रा में रेत निकाली जा रही है कि नदी के निचले तल से तक मिट्टी का भी उत्खनन हो रही है।
ईंट भठ्ठों में हो रही भारी मात्रा में ढुलाई
ग्रीष्म बढ़ने के ईंट भट्टों का कारोबार बढ़ गया है। सबसे अधिक रेत इन दिनो भठ्ठो कें खप रहा है। शहर के सीतामढ़ी, डींगापुर, भिलाईखुर्द में व्यवसायिक पैमाने पर बंगला भट्ठा संचालित किया जा रहा है। इन पर खनिज विभाग का नियंत्रण नहीं होने के कारण घाटों से ट्रैक्टर ही नहीं बल्कि ट्रकों में भर कर रेत की आपूर्ति की जा रही है।
शहर में हो रही नए घाट की तलाश
शहर में सर्वेश्वर एनीकट में अप्रैल माह के अंत तक पानी भराव शुरू होने से गेरवाघाट रेतघाट बंद हो जाएगा। इसके विकल्प में नए घाट की तालाश की जा रही है। माना जा रहा है कि गेरवाघाट में ही एनीकट के आगे नए रेतघाट का संचालन किया जाएगा। वित्तीय वर्ष की शुरूवात के बाद भी विकल्प की तालाश नहीं होने रेत की चोरी आगे भी जारी रहने की संभावना है।
कोरोनाकाल से राजस्व आय में कमी
कोरोना काल के चलते इस वर्ष खनिज के राजस्व आय में कमी आई है। शासन की ओर से विभाग को 2300 करोड़ का लक्ष्‌य मिला था। वित्तीय वर्ष के अंत तक विभाग ने 1950 करोड़ आय अर्जित किया है। नए वित्तीय वर्ष की शुरूवात के साथ फिर से लाकडाउन शुरू हो चुकी है। ऐसे में रेत की चोरी राजस्व को चपत लग रहा है।


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