रायपुर। एक्सीडेंट की प्रमुख वजहें है, नाबालिगों को बाइक और कार चलाने की छूट, ओवरस्पीडिंग और नशे में धुत होकर वाहन चलाना, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करना, सड़क पर मनमाने तरीके से वहां चलना, बिजी सड़कों पर स्टंटबाजी करना जिसके चलते बड़ी दुर्घटनाये होती है, हेलमेट न पहनना, सीट बेल्ट न बांधने की वजह से वाहन दुर्घटना में मौत होना, नाबालिग बच्चे को वाहन चलाने देना मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) के अंतर्गत धारा 199A और धारा 181 के तहत अपराध माना गया है।
धारा 199A (अभिभावक या वाहन मालिक की जिम्मेदारी) यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके अभिभावक या वाहन मालिक को दोषी माना जाएगा। इसमें 3 साल तक की सजा और ₹25,000 तक का जुर्माना हो सकता है।
इसके अलावा, वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है। धारा 181 (अयोग्य व्यक्ति द्वारा वाहन चलाना) यदि नाबालिग स्वयं वाहन चलाता है, तो उसे यह धारा लागू होती है। इसके तहत 3 महीने तक की सजा या ₹5,000 तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने देना कानूनन अपराध है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं इसलिए सभी अभिभावको से अपील है कि वे अपने नाबालिक बच्चो को वहांन चलाने न दे ।