कोरबा। जिले के चर्चित कुरथा गोलीकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। घटना का मास्टरमाइंड और सुपारी देने वाला आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में सामने आया कि व्यवसायिक दुश्मनी और व्यक्तिगत द्वेष के चलते यह घटना एक साल से योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी जा रही थी। 6 जनवरी 2025 को ग्राम कुरथा निवासी कृष्णा पांडेय अपने घर के बाहर उपसरपंच राम कुमार के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहे थे। इसी दौरान अचानक गोली लगने से कृष्णा पांडेय घायल होकर गिर गए। गोली उनकी पीठ में लगी। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना की रिपोर्ट पसान थाने के कोरबी चौकी में दर्ज की गई। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, एएसपी यू.बी.एस. चौहान और साइबर सेल प्रभारी रवींद्र मीणा के निर्देश पर विशेष जांच टीम गठित की गई। जांच में सामने आया कि गजेंद्र सोरठे सरपंच के कार्यों का संचालन करता था। उसने उपसरपंच राम कुमार और रोजगार सहायक कलेश को रास्ते से हटाने के लिए यह साजिश रची थी। गजेंद्र का आरोप था कि ये दोनों उनके कार्यों में बाधा डालते थे और उनके परिवार के खिलाफ जादू-टोना करते थे। गजेंद्र ने अपने साथी वीरेंद्र आर्मो की मदद से बलिंदर राजवाड़े से पिस्टल खरीदी। इस पिस्टल की कीमत 1 लाख थी, जिसमें 90,000 रुपये ऑनलाइन और 10,000 नकद दिए गए। घटना को अंजाम देने के लिए गजेंद्र ने शिवप्रसाद उर्फ मोनू सारथी की मदद से राज कुमार और राम कुमार सारथी को शामिल किया।
घटना वाले दिन आरोपी राज कुमार और राम कुमार जंगल में घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही कृष्णा पांडेय और राम कुमार मोटरसाइकिल पर घर से निकले, राज कुमार ने गोली चला दी। यह गोली राम कुमार को निशाना बनाकर चलाई गई थी, लेकिन पीछे बैठे कृष्णा पांडेय को लग गई।
पुलिस ने छह आरोपियों राम कुमार सारथी, राज कुमार सारथी, गजेंद्र सोरठे, शिवप्रसाद उर्फ मोनू सारथी, वीरेंद्र आर्मो और बलिंदर राजवाड़े को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल, एक पिस्टल, दो मैगजीन और आठ जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। मामले का खुलासा करने में कोरबी चौकी प्रभारी अफसर खान और साइबर सेल की टीम ने अहम भूमिका निभाई।