पत्नी की हत्या करने वाले पति को मिली आजीवन कारावास की सजा

छग

Update: 2024-05-25 19:03 GMT
प्रतापपुर। लगभग दो वर्ष पूर्व फ़ावड़ा से वार कर पत्नी की हत्या पश्चात शव को जला देने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय अग्रवाल के न्यायालय ने आरोपित पति बाबूलाल मरावी (50) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पत्नी की हत्या के बाद आरोपित ने साक्ष्य छिपाने का प्रयास किया था लेकिन पुत्र के घर वापस आने पर मामले का राजफाश हुआ था। अतिरिक्त लोक अभियोजक देवानंद पांडेय ने बताया कि घटना 15 फरवरी 2022 की है। प्रतापपुर थाना क्षेत्र के धरमपुर बांधपारा बस्ती से दूर घर बनाकर आरोपित बाबूलाल मरावी अपनी पत्नी सावित्री उर्फ सुमित्रा मरावी के साथ निवास करता था। पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद होता था। दंपती की एक बेटी बस्ती में घर बनाकर रहती थी। जबकि बेटा ज्ञान प्रकाश ननिहाल कर्री चलगली में रहता था। बीते 19 फरवरी 2022 को बाबूलाल मरावी का पुत्र ज्ञान प्रकाश घर आया था।

उसने अपने पिता से मां के संबंध में पूछताछ की थी। शुरू में पिता कुछ भी नहीं बता रहा था। बार-बार पूछने पर उसने स्वीकार किया था कि आपसी विवाद के दौरान घर के पूजा वाले कमरे में उसने सावित्री की फावड़ा से वार कर हत्या कर दी है तथा घर की बाड़ी में शव को जला दिया है। बेटे ज्ञानप्रकाश ने अपनी दीदी तथा गांव के सरपंच को घटना की सूचना दी थी। तब मामला पुलिस तक पहुंचा था। पुलिस ने आरोपित के घर की बाड़ी से अधजले शव के हिस्से भी बरामद किए थे। स्वजन और गवाहों के बयान तथा घटनास्थल पर मिले साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने बाबूलाल मरावी पर पत्नी की हत्या तथा साक्ष्य छिपाने के आरोप पर धारा 302 व 201 के तहत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया था। प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय अग्रवाल के न्यायालय ने आरोपित बाबूलाल मरावी को हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराओं का दोषी पाया। न्यायालय ने आरोपित को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है।
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