रायगढ़। महिला संरक्षण अधिकारी के माध्यम से सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ में एक प्रकरण प्राप्त हुआ। जिसमें एक लड़की-लड़का का विवाह पूरे रीति-रिवाज से संपन्न हुआ था। दो-तीन माह तक दोनों राजी-खुशी एक साथ रहे। लेकिन तीन माह पश्चात लड़की के ससुराल वाले उससे दहेज की मांग करते हुए उसे प्रताडि़त करने लगे। लड़की ने बताया कि विवाह के समय पिता के द्वारा अपने सामथ्र्य अनुसार सामान उसे दिया था। आज पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। परंतु ससुराल पक्ष उसे खराब सामान लाने का ताना मारने लगे।
सब ठीक होने की उम्मीद से लड़की अपने ससुराल में चुपचाप सहम कर रहती रही। इस बीच लड़की ने एक पुत्री को जन्म दिया परंतु पति द्वारा पुत्री होने पर विवाद व मारपीट करने लगा। जिससे लड़की परेशान होकर मायके में आकर रहने लगी। कुछ दिनों के बाद लड़की का पति भी लड़की के मायके आकर रहने लगा। इस बीच लड़की ने पुत्र को जन्म दिया। लेकिन लड़की का पति उस पर लांछन लगाने लगा और फिर से उसके साथ मारपीट करने लगा। तभी लड़की ने सखी वन स्टॉप सेंटर में जाकर पति के बारे में बताया। पति को सखी वन स्टॉप सेंटर में बुलाकर समझाईश दी गई। लगभग 4 माह तक नियमित विधिवत 5 बार दोनों पक्षों को परामर्श के माध्यम से समझाईश देते रहे। तत्पश्चात आज दोनों पक्ष प्रेमपूर्वक आपस में साथ-साथ रह रहे है। लड़की ने आगे किसी प्रकार की अग्रिम कार्यवाही नहीं करने हेतु लिखित में आवेदन प्रस्तुत किया। उक्त आधार पर प्रकरण सखी सेंटर रायगढ़ से नस्तीबद्ध किया गया।