सरगुजा। हसदेव अरण्य क्षेत्र में जल-जंगल और जमीन को बचाने के लिए सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण 2 मार्च से सरगुजा जिला के ग्राम हरिहरपुर में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं. आज धरना प्रदर्शन का 55वां दिन है. ग्रामीणों का कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में प्रभावित गांव साल्ही, हरिहरपुर और फतेहपुर गांव के लोगों की बातें नहीं सुनी जा रही है. ग्रामसभाओं ने खनन परियोजना को सहमति नहीं दी.
आदिवासियों ने कहा कि अक्टूबर माह में 300 किलोमीटर पदयात्रा के बाद भी हसदेव के आदिवासियों की कोई सुनवाई नहीं हुई. अब 2 मार्च से आंदोलन में धरना स्थल पर ही सांस्कृतिक कार्यक्रम जारी है. महिलाएं जंगल में पहरा देकर अपने जंगल की सुरक्षा का कार्य कर रही हैं. 25 अप्रैल को आदिवासियों के देव स्थल पर महादेव बूढा देव की पूजा करते हुए कठोरी त्यौहार मनाया गया. बता दें कि दो दिन पहले ही जंगलों की कटाई शुरू किए जाने के प्रयासों के खिलाफ ग्रामीणों ने चिपको आंदोलन कर पेड़ों को बचाने का संकल्प लिया.