शास्त्रों के अनुसार रात्रि 12.23 से 1.35 तक होलिका दहन होना चाहिए, क्योंकि प्रतिपदा तिथि को, भद्रा में, और दिन में होलिका के दहन का विधान नहीं है। पूर्णिमा की रात्रि में प्रदोष काल में ही होलिका दहन का विधान प्राप्त होता है किंतु इस वर्ष विषम स्थिति आ जाने के कारण भद्रा पुच्छ में भी होलिका दहन किया जा सकता है अत: शास्त्रीय वचन का पालन करते हुए भद्रा पुच्छ में ही होलिका दहन करना चाहिए। आदि प्रमाणों के अनुसार 6 मार्च 2023 सोमवार रात्रि 12.23 से 1.35 के मध्य होलिका दहन करना चाहिए। दूसरे दिन 7 मार्च 2023 को मंगलवार को पूर्णिमा है। पूर्णिमा के दिन होलिका नहीं खिलाना चाहिए शुद्ध प्रतिपदा तिथि में ही होलिकोत्सव बसंतोत्सव मनाना चाहिए। अत: 6 तारीख की रात्रि में होलिका दहन होगा तथा 8 तारीख को होली खेली और मनाई जाएगी।