मापदंडों के विपरीत राजधानी में लगाए जा रहे यूनिपोल, लोगों की सुरक्षा नजर अंदाज
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। शहर में विज्ञापन नियमावली की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मानकों के विपरीत यूनीपोल व होर्डिंग लगाकर हादसों को तो न्योता दिया ही जा रहा है, साथ ही अवैध कमाई का भी खेल खेला जा रहा है। प्रदेश में लागू विज्ञापन नियमावली के अनुसार यूनीपोल या होर्डिंग ऐसी जगह पर नहीं लगाए जा सकते, जिससे वह यातायात में बाधक या फिर दुर्घटना का कारण बने। लेकिन नियमों मापदंडों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। शहर में दो एजेंसियों को यूनीपोल, होर्डिंग लगाने के काम सौंपे गए हैं। ये एजेंसियां खुले तौर पर मानकों की धज्जियां उड़ाई रही हैं। इसके बावजूद अधिकारी मापदंडों के तहत यूनीपोल लगाने का हवाला दे रहे हैं। चौराहे व उसके आसपास होर्डिंग नहीं लगाए जा सकते, मगर पांच रास्ते वाले जगहों पर शोभायमान बड़े-बड़े होर्डिंग यूनीपोल निगम प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं।
विज्ञापन नियमावली की खास बातें
कोई भी विज्ञापन हाईवे किनारे यूनीपोल पर ही लगाए जाएंगे।
होर्डिंग विज्ञापन सड़क के समानांतर दिशा में लगेंगे।
छतों पर रूफ टॉप नहीं लगाए जाएंगे।
चौराहे साइलेंस जोन रहेंगे, यानी चौराहों पर होर्डिंग नहीं लगेंगे।
सुलगते सवाल, नागरिक सुरक्षा कानून से खिलावाड़
क्या नियम के तहत ट्रैफिक पुलिस ने अनुमति दी?
रोड सुरक्षा कानून के अंतर्गत कौन सा ऐसा कानून है जिसके तहत बीच सड़क पर होर्डिंग की अनुमति है?
नगर निगम के जोन कमिश्नर की अनुमति का आधार क्या है?
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की अनुमति का पैमाना क्या है ?
होर्डिंग की साइज, ऊंचाई किस आधार पर निर्धारित की गई, कौन से नियम से अनुमति?
जनता से रिश्ता स्मार्ट सिटी के योजनाओं के खिलाफ नहीं है लेकिन लोकहित में जनता की सुरक्षा की अनदेखी पर सवाला उठाना लाजमी है। लोंगों, समाजसेवी संस्थाओं व राजनीतिक दलों का जागरूक रहना भी जरूरी है। जनता की सुरक्षा मुख्य मुद्दा होना चाहिए। इससे खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए।