हेमलता कभी खुद करती थीं मजदूरी, अब महिला मेट बन लोगों को दिला रही रोजगार

Update: 2021-10-05 12:19 GMT

कोरोना काल एक ऐसा समय था जब सभी दुकानों में ताले लटक गये थे और विकास के पहियों पर लॉकडाउन की जंजीरे लटक रही थीं। इस समय मनरेगा योजना संकटमोचक के रूप में सामने आई। जिसने दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को नियमित रोजगार देने के साथ उनमें उम्मीद की एक किरण जगायी रखी। परंतु इस समय लोग घरों से निकलना भी जब सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे थे ऐसे में लोगों को रोजगार से जोड़ने का बीड़ा ग्राम पंचायत बड़ेडोंगर की हेमलता यादव ने उठाया। कोरोना वॉरियर की भांति संकटकाल में वह घर-घर जाकर लोगों को रोजगार दिलाने का कार्य कर रहीं थी। वे लोगों को रोजगार के लिए प्रेरित करने के साथ कार्यस्थल पर सुरक्षा सावधानियों की व्यवस्था के संबंध में जानकारी देकर उन्हें स्वस्थ कार्य परिस्थितियों की भी जानकारी देती थीं।

जनपद पंचायत फरसगांव ब्लॉक मुख्यालय से 18 कि.मी. की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत बड़ेडोंगर की महिला मेट की जिम्मेदारी निभा रही हेमलता यादव का जीवन संघर्ष पूर्ण रहा है। हेमलता यादव मजदूर परिवार से होने के कारण मनरेगा वह कार्य में मजदूरी करने जाया करती थी। जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण होता था। बारहवीं कक्षा तक पढ़ी हेमलता की पढ़ाई बारहवीं के बाद ही छूट गई थी। मनरेगा कार्यों में जाने के कारण योजना के संबंध में थोड़ी बहुत जानकारी उन्हें पहले से ही थी। पढाई छूटने के बाद 2020 से अपने माता-पिता एवं भाई के साथ मनरेगा मे मजदूरी कार्य में जाती थी। इस दौरान उन्हें ग्राम पंचायत रोजगार सहायक दुलेन्द्र पात्र से महिला मेट के सबंध में जानकारी प्राप्त हुई।

जानकारी प्राप्त होने पर हेमलता यादव के भीतर उम्मीद की किरण जगी और उसने अपना पंजीयन महिला मेट के रूप मे कराने के बाद जनपद स्तर पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके पश्चात् कोरोना की दस्तक के साथ रोजगार कार्यों पर असर पड़ा। ऐसे में हेमलता ने हिम्मत दिखाते हुए कोरोना काल में फ्रंट लाईन वारियर बन कर ग्राम पंचायत में चल रहे सडक निर्माण कार्य एवं डबरी निर्माण कार्य मेें महिला मेट के रूप में कार्य कर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया।

इस संबंध में हेमलता बताती हैं कि मनरेगा योजना मेें मेट के रूप मे कार्य करने से उसे ग्राम पंचायत स्तर में बहुत से जानकारियां मिली जैसे कि कैसे कार्ययोजना तैयार किया जाता है एवं कार्य कैसे होता है, ग्राम पंचायत में सात पंजी एवं मेट पंजी का संधारण, जॉब कार्ड का अद्यतन एवं कार्य स्थल में श्रमिकों का काम का आबंटन आदि की जानकारी प्राप्त हुई। जिसके साथ उन्होंने रोजगार दिलाने में अपनी सहभागिता दी। वर्तमान में महिला मेट के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त होने से बेहतर कार्य करने का प्रोत्साहन मिला है। जिससे वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायत के 10 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार प्राप्त हो चुका है जिसमें उनके परिवार भी शामिल है।

इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि महिला मेट के रूप में कार्य करने से उन्हें समाज में मान-सम्मान मिलने के साथ कई चुनौतियां भी सामने आयीं। परंतु महिला मेट के रूप में कार्य करते हुए उन्हें आत्म संतुष्टि प्राप्त हुई कि वह संकट काल से लोगों को उबारने हेतु कार्य कर सकीं।

ग्राम पंचायत बड़ेडोंगर के सरपंच विद्यासागर नायक ने बताया कि हेमलता यादव के कार्य से अन्य महिलाओं को मनेाबल प्राप्त हुआ है साथ ही ग्राम पंचायत के विकास में एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। इस वित्तीय वर्ष में ग्राम पंचायत में कुल 9870 मानव दिवस सृजित हुआ है। जिसमें कार्यों की सहभागिता में महिलाओं का प्रतिशत 59.13 प्रतिशत महिला एवं पुरूष श्रमिकों का प्रतिशत केवल 40.87 प्रतिशत रहा।

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