लू प्रबंधन व बचाव के लिए गाइडलाइन जारी

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Update: 2023-04-19 17:02 GMT
जांजगीर-चांपा। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिले के सभी नागरिकों को बढ़ती गर्मी को देखते हुए लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन एवं घरेलू उपायों का पालन करने की अपील की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि गर्मी के मौसम में लू लगने से बीमार होने के अनेक मामले आते हैं, कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर इससे बचा जा सकता है।
लू के लक्षण
तेज बुखार आना, सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, पसीना नहीं आना, उल्टी होना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, भूख कम लगना, अधिक प्यास लगना, चक्कर एवं बेहोशी आना आदि लू के लक्षण हैं।
लू (हीट वेव) से बचने के उपाय
लू लगने का प्रमुख कारण तेज धुप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है। बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर न जावे, धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले, पानी अधिक मात्रा में पीये, अधिक समय तक धुप में न रहें, गर्मी के दौरान नरम मुलायाम सूती के हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले वस्त्र पहनें। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस घोल पीये, चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करे तथा शीतल पेयजल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें, बाहर निकलने पर गमछे, चश्मा, छाता, टोपी व पैरों में चप्पल का उपयोग अवश्य करें, प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निः शुल्क परामर्श ले सकते हैं तथा उल्टी सरदर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह ले सकते है।
लू लगने पर प्रारंभिक उपचार
लू से प्रभावित व्यक्ति को छाये में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोछे अथवा नहलायें। यात्रा करते समय पीने का पानी अवश्य साथ रख लें, गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखे। ओआरएस घोल घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू पानी, छाछ, कच्चे आम से बना पन्ना आदि का उपयोग करें, मौसमी फलों जैसे तरबूज, अंगूर, खरबूजा इत्यादि का सेवन करें। जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सकें। लू के लक्षण होने पर तुरंत अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र जाएं या मितानिन से संपर्क करें।
हीट वेव से बचने के लिए अन्य सावधानिया
जितना हो सके घर के अंदर रहें, अपने घर को ठंडा रखें धूप से बचाव के लिए रात में पर्दे, शटर का उपयोग करें और खिड़कियां खोलें। निचली मंजिलों पर बने रहने का प्रयास करें, पंखो का उपयोग करें, कपड़ों को नम करें और अधिक गर्मी में ठंडे पानी में ही स्नान करें, ओ.आर.एस (ओरल रिहाइड्रेशन) घोल, घर का बना पेय लस्सी, तोरानी चावल का पानी, नीबू पानी, छांछ आदि का उपयोग करे, यदि आप बीमार महसूस करते हैं उच्च बुखार, लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, मतली या भटकाव, लगातार खांसी, सांस की तकलीफ है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाये, जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें।
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