झारखंड से बच्ची को किया था अगवा, छत्तीसगढ़ पुलिस ने बचाई जान

छत्तीसगढ़

Update: 2022-03-13 18:42 GMT

कोरबा। झारखंड में रहने वाली एक महिला को हर माह रूपये भेजने की लालच देकर उसकी सात साल की पुत्री को सीआइएसएफ जवान दंपति कोरबा ले आए। मासूम बच्ची से घर का पूरा कामकाज कराया जा रहा था। यही नहीं रात को भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था। बच्ची ने पिटाई करने की भी जानकारी बाल कल्याण समिति को दी है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मानव तस्करी के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।

संदीप उरांव व उसकी पत्नी जगरानी खाका केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) में हवलदार के पद पर पदस्थ हैं। झारखंड के गुमला थाना अंतर्गत आने वाले जोरिया गांव में रहने वाली एक बेवा महिला की आर्थिक तंगी का फायदा उठाते हुए संदीप व जगरानी ने उसकी सात साल की बेटी को अपने साथ निवास स्थान दर्री सीआइएसएफ कालोनी ले आए थे। उन्होंने उसकी मां को भरोसा दिलाया था कि घर का थोड़ा बहुत कामकाज करेगी और इसके बदले उसे खाना पीना, कपड़ा प्रदान करेगा।
इसके अलावा प्रतिमाह एक हजार रुपये उसे भेजा करेगा। उसने यह भी वादा किया था कि उसकी बेहतर शिक्षा के लिए एक अच्छे स्कूल में दाखिला भी कराएगा। इसके ठीक उलट 27 फरवरी को कोरबा बच्ची को लाते ही घर के झाड़ू, पोछा, बर्तन कपड़ा समेत तमाम काम का बोझ उस पर डाल दिया गया। यही वजह है कि महज सात दिन बाद ठीक नौ मार्च को सुबह सात बजे बच्ची अपने साथ लाई सामान को लेकर घर से भाग गई।
अकेले यहां वहां भटक रही बच्ची पर एक स्थानीय व्यक्ति की नजर पड़ी और उसने 112 डायल कर पुलिस को इससे अवगत कराया। मौके पर पहुंची पुलिस की टीम बच्ची को लेकर दर्री थाना पहुंची। नियमानुसार पुलिस ने बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। काउंसलिंग के दौरान बच्ची ने आपबीती सुनाई। समिति की रिपोर्ट के आधार पर दर्री पुलिस ने सीआइएसएफ के जवान व उसकी पत्नी के खिलाफ मानव तस्करी का मामला धारा 370 के अलावा 323, 34 व जेजे एक्ट का भी अपराध पंजीबद्ध किया है।
काम ठीक नहीं करती हो कहते हुए झाड़ू से पीटा
बाल कल्याण समिति के सदस्यों को पीड़ित बच्ची ने जानकारी देते हुए बताया है कि आठ मार्च की रात को जगरानी ने ठीक से काम नहीं करने को लेकर नाराज होकर उसे झाड़ू से पीटा, इसलिए वह बेहद डर गई थी। सुबह होने पर वह घर से किसी को कुछ बताए बगैर घर से निकल गई। बच्ची को फिलहाल रामपुर स्थित बालिका गृह में रखा गया है। इसकी सूचना मिलने पर उसकी मां झारखंड से उसे लेने कोरबा पहुंच गई है। जानकारी मिली है कि उसके चार बच्चे हैं।

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