पिथौरा। समीप के ग्राम टेका के एक झोलाछाप डॉक्टर के उपचार से कैलाशपुर की एक चार वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। इस संबंध में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने बालिका की मौत को गलत उपचार से होना बताया है, वहीं मृतका के पिता ने बताया कि उनकी बेटी का उपचार टेका का कोई रामचरण नामक कथित डॉक्टर कर रहा था। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह कैलाशपुर डोंगरीपाली निवासी जयदेव बरिहा अपनी चार वर्षीय पुत्री प्रमिला बरिहा को दस्त होने के कारण टेका के किसी झोलाछाप डॉक्टर के पास उपचार के लिए ले गया था। सुबह कोई 8 बजे टेका के एक निजी कथित क्लीनिक में उसे लगातार दो इंजेक्शन लगाए और उसे घर भेज दिया।
प्रमिला के पिता जयदेव ने स्थानीय डॉक्टरों को बताया कि घर लाकर उसने उसे सुला दिया और स्वयं महुआ बीनने समीप के जंगल चला गया था। जयदेव के जाने के कोई आधे घंटे के भीतर ही उसे बताया गया कि प्रमिला की तबियत ज्यादा बिगड़ गयी है। इसके बाद आनन-फानन में घर पहुंचे, जयदेव ने वाहन की व्यवस्था कर कोई 10 बजे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।