रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी कुछ दिनों में राजस्व प्रशासन काफी चुस्त-दुरूस्त नजर आएगा। राजस्व प्रशासन में नई-नई तकनीकों के माध्यम से नवाचार करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के मद्देनजर राजस्व प्रशासन में नई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस नई तकनीक का नाम जिओ रिफ्रेंसिंग है। इस तकनीक के माध्यम से भूमि के नक्शों के लिए खसरा के स्थान पर यू.एल.पिन नंबर दिया जाएगा। साथ ही भूमिधारक को भू-आधार कार्ड मिलेगा। राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए बजट में 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
chhattisgarh news मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस नई तकनीक के इस्तेमाल को अपनी मंजूरी दे दी है, इसके लिए बजट में प्रावधान भी कर दिया गया है। जिओ रिफ्रेंसिंग Geo Referencing तकनीक के उपयोग के लिए राजस्व से जुड़े अमलों की व्यवस्था के साथ ही इनके प्रशिक्षण के लिए रणनीति बनाई जा रही है। जिओ रिफ्रेंसिंग के काम को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के नवीन पदों का सृजन किया जा रहा है।
Revenue Administration जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक में छोटी से छोटी भूमि का लॉन्गीट्यूड और एटीट्यूड के माध्यम से वास्तविक भूमि चिन्हांकित करना आसान हो जाएगा। नगरीय क्षेत्रों में भूमि संबंधी आने वाली दिक्कतों के मद्देनजर भूमि का नवीन सर्वेक्षण किया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों में भूमि स्केल का पैमाना 1ः500 रखा जाएगा। इससे नगरीय क्षेत्रों में घनी आबादी होने पर ही छोटे से छोटे भूखण्ड को भू नक्शे में आसानी से दर्ज किया जा सकता है। राजस्व प्रशासन में सुधार की दृष्टि से भूमि के डायवर्सन कराने की प्रक्रिया को भी ऑनलाईन करने की योजना है।
राजस्व संबंधी दिक्कतें लोगों को उनके क्षेत्र में ही सुलझाने के लिए नये स्थानों परं उप तहसील कार्यालय शुरू करने के भी पहल की जा रही है। इसी प्रकार नवगठित अनुविभागों में भी तहसील कार्यालय शुरू होंगे। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने मुंगेली जिले के चकरभाठा और बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के सकर्रा में उप तहसील कार्यालय शुरू करने की घोषणा की गई है। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना शुरू करने के भी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।