महासमुंद। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजकर रखने हेतु तमाम तरह की योजनाएँ व कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसी दिशा में छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार हरेली को ध्यान में रखते हुए त्यौहार के पूर्व गेड़ी की व्यवस्था कर किफायती दर में आम लोगों तक पहुँचाने की योजना है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप हरेली त्यौहार 2023 के लिये अलग-अलग साइज के गेड़ी विक्रय हेतु वन विभाग के माध्यम से महासमुंद शहर में स्थापित सी-मार्ट बरोण्डा चौक में किफ़ायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
वनमंडलाधिकारी श्री पंकज राजपूत ने बताया कि बांस से बनी विभिन्न सामग्रियों व गेड़ी आदि सामग्रियां के बनाने के लिए बंसोड़ जाति के लोगों को शासन द्वारा सस्ती दर पर बांस उपलब्ध कराया जाता हैं। इस जाति के अधिकांश हुनरमंद लोग त्यौहारी सीजन के अनुसार बांस से बनी सामग्रियां निर्मित करते है। हरेली पर्व पर अलग-अलग साइज की रंगबिरंगी गेड़ी बनाई है। सामान्य जोड़ी गेड़ी की क़ीमत सिर्फ़ 60 रुपये है। अन्य आकर्षक गेड़ी की दर अलग-अलग है।
वनमंडलाधिकारी ने आमजन और गेड़ी खेल प्रेमियों से अपील की कि छत्तीसगढ़ राज्य के इस पारम्परिक त्यौहार को उत्साहपूर्वक मनाने एवं सस्ती दर पर सी-मार्ट के माध्यम से अधिक से अधिक गेड़ी ख़रीद कर बंसोड़ों व श्रमिकों के आर्थिक उन्नयन में सहयोग कर एक अच्छे नागरिक होने के साथ-साथ छत्तीसगढ़िया होने का परिचय दें ।
तेजी से बढ़ते प्लास्टीक वस्तुओं के प्रचलन ने बांस के इन कारीगरों के सामने रोजगार की कुछ समस्या खड़ी की है। वहीं हर तरफ़ बढ़ते प्लास्टिक वस्तुओं के प्रचलन से लोग बांस से बनी सामग्रियों के प्रति भी रुझान कम हुआ है। वहीं बांस की कमी भी इस जनजाति के लिए दोहरी मुसीबत साबित हो रही है। इन सभी को ध्यान में रख सरकार द्वार सस्ती दर पर बांस उपलब्ध कराया जाता है। ताकि यें अपने पारम्परिक पेशे को बचाए रखे।