ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव
इस्ट इंडिया कंपनी की तरह अमेजन पहले खाने का सामान भोजन नाश्ता चायनीज फूड सप्लाई करते -करते अब नाबालिगों को चाकू देकर अपराध की दुनिया में उतार दिया है। राजधानी में बढ़ते अपराध का मुख्य कारण आनलाइन मार्केट को माना जा रहा है। जो भोजन के नाम पर चाकू की सप्लाई करने लगा है जिसका खुलासा खुद पुलिस ने किया है। चाकू बाजी के मामले में जब पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि आरोपियों ने आनलाइन चाकू मंगवाकर वारदात को अंजाम दिया है। अमेजन के खिलाफ यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के रायपुर में की गई है। दरअसल, अलग-अलग मामलों की जांच में पुलिस ने पाया कि जिले में अमेजन कंपनी ने बिना सत्यापन किए नाबालिगों को भी बटनदार चाकू डिलीवर किए हैं। पुलिस ने अभियान चलाकर ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजन के ऑफिस और तीन गोदाम में छापा मारा। पुलिस की तीन टीमों ने रायपुर के मोवा, देवपुरी एवं डीडी नगर स्थित ऑफिस और गोदाम की जांच की। पुलिस ने कंपनी द्वारा डिलीवर किए गए चाकू का रिकॉर्ड भी खंगाला। शहर में हुई चाकूबाजी की घटनाओं में गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उन्होंने चाकू ऑनलाइन शॉपिंग साइट से मंगाए थे। इसके बाद पुलिस ने अमेजन, फ्लिकार्ट, स्नैपडील आदि कंपनी से धारदार चाकू मंगाने वाले ग्राहकों की जानकारी मांगी थी। अमेजन ने यह जानकारी नहीं दी। इसलिए छापेमारी की गई। जनता में खुसुर-फुसुर है कि आनलाइन चाकू सप्लाई कर इन तथाकथित आनलाइन मार्केट ने लोगों की जान को जोखिम में डाल दिया है। सरकार को चाहिए की आनलाइन मार्केट को पूरी तरह प्रतिबंधित कर राजधानी के लोगों को भय मुक्त करना चाहिए ।
लोक निर्माण यानी जोक निर्माण
सरकार का लोक निर्माण विभाग हमेशा सुर्खियों में रहने के मोह को नहीं त्याग पा रहा है। विभाग के अधिकारी कोई अंत्री-मंत्री के आदेश को मानते ही नहीं है। जब भी करते है अपनी मनमानी करते है। ये उनके आचरण में शामिल है। सरकार किसी भी पार्टी की हो चलाते अपनी ही है। राजनांदगांव के कार्यपालन अभियंता ए.के. चौहान को अपनी मनमानी का खामियाजा निलंबित होकर भुगतना पड़ा है। राजनांदगांव में 2 सितम्बर को उप मुख्यमंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा समीक्षा बैठक लेने वाले थे, इस बैठक में अनुपस्थित चौहान को कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही एवं शिथिलता बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित दिया गया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये अधिकारी उस विभाग के है जो निलंबन अवधि में भी अपने कारनामे से सुर्खियों में रखने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। ये जहां भी होते है जोंक की तरह व्यवहार करने लगते है। इसी लिए लोग लोक निर्माण को जोंक वाला विभाग कहते है। जो बिना खून पीए कोई काम नहीं करता है।
कृषि विभाग के बल्ले -बल्ले
सरकार के फैसले से कृषि विभाग के मंत्री औऱ अधिकारियों के बल्ले -बल्ले हो गया है। खुशी का कारण मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में 321 नये ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की नियुक्ति का मामला है। वित्त विभाग ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की नियुक्ति के लिए स्वीकृति दे दी है। कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने व्यापम द्वारा जारी सूची के अनुसार सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए दस्तावेजों के सत्यापन की सूचना जारी कर दी गई है। अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर लाभांडी रायपुर स्थित राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान समिति में 30 सितम्बर से शुरू होगा और 10 अक्टूबर तक चलेगा। दस्तावेजों के सत्यापन के उपरांत अभ्यर्थियों के नियुक्ति के आदेश जारी होंगे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि चलो एसआई के अभ्यर्थियों की तरह इनको नहीं जूझना पड़ा है। यहां तो सभी किसान है जो अब मिट्टी को सोना बनाने का काम करेंगे। इस परीक्षा में भी कृषि विभाग के अधिकारियों के नाते रिश्तेदार ही होंगे जो कृषि के मर्म की हरियाली को अच्छी तरह जानते है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ेगा।
ये मुलाकात एक बहाना है...
लोहारीडीह घटना के आरोपियों से मिलने जेल पहुंचे टीएस सिंहदेव की गेस्ट हाउस में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से हुई मुलाकात को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। दोनों राजनेताओं की15 -20 मिनट तक एकांत में चर्चा हुई। जिसका फोटो सोशल मीडिया में वायरल होते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई । लोग कयास पर कयास लगाते नजर आए। एक पूर्व डिप्टी सीएम से वर्तमान डिप्टी सीएम से मुलाकात ने कवर्धा की राजनीतिक हवा को तेज कर दी है। जिले के बोड़ला ब्लॉक के लोहारीडीह में घटी घटना को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव एकदिवसीय प्रवास की दौरान लोहारीडीह घटना के आरोपियों से जेल में मुलाकात करने पहुंचे थे, और उसी दोरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी पहुंच गए अधिकारियों की भी समझ में नहीं आ रहा था कि पहले किसका वेलकम करें । जनता में खुसुर-फुसुर है कि भूपेश बघेल से कोई भी भाजपा सरकार के मंत्री मिलते तो कोई कयास नहीं लगाता पर टीएस सिंहदेव से कवर्धा में ही विजय शर्मा से मुलाकात ने लोगों को खुसुर-फुसुर करने पर मजबूर कर दिया। भूपेश है तो भरोसा है कि जगह नया नारा मार्केट में आया है, टीएस है तो परोसा है।
सवाल खर्चा पानी का है
राजधानी में सार्वजनिक स्थानों में लोगों की सुरक्षा के लिए सेक्युरिटी गार्डो की नियुक्ति की हुई है जो सिर्फ देखते हैं कि चाकूबाजी या मारपीट हो रही है। उनका काम सिर्फ देखना रह गया है। सब नशे के कारण ही हो रहा है मजे की बात तो ये है कि कप्तान साहब खुद नशे के खिलाफ निजात अभियान चला रहे हैं उसके बावजूद सबसे ज्यादा नशे का सामान राजधानी होकर ही देशभर में सप्लाई होता है। जनता में खुसुर फुसुर है कि नशेबाजों को बाद में पकड़ो पहले उनकी हौसला अफजाई करने वालों को पकड़ो तब कुछ हद तक सुधरेगा वार्ना जैसा चल रहा है वैसा ही चलेगा आखिर सवाल खर्चा पानी का है साहब।
लगता है पुलिस विभाग का गृह दशा ठीक नहीं चल रहा है। एसएसपी के निजात अभियान जोरों से चलने के बाद भी नशे का कारोबार कम होने के बजाय और भी ज्यादा फल फूल रहा है। सीएम साहब के घुडक़ी के बाद भी पुलिस अधिकारी आम जनता से जानवरों सरीखे व्यवहार करते नजऱ आ रहे हैं। पिछले दिनों कवर्धा में आईपीएस सहित पूरा थाना लाइन हाजिर हो गया फिर भी पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। अब छुरिया थाने में एक आशिक को टीआई ने बेहोश होते तक पीटा, जनाब भी लाइन हाजिर हो गए। जनता में खुसुर फुसुर है कि बड़े अधिकारियो के समझाइश के बाद भी नहीं सुधरना समझ में नहीं आ रहा।
जिसने पाप न किया हो
पिछले दिनों पाठ्य पुस्तक निगम के जीएम भी लाइन हाजिर हो गए। खुद सीएम ने खबरों को संज्ञान में लेते हुए निलंबित करने का आदेश दे दिया। भ्रस्टाचार कहां नहीं है जो पकड़ा गया वो चोर बाकी साहूकार। सभी विभागों में कुछ ऐसे लोग मौजूद हैं जो बिना लेनदेन के काम करना पाप समझते हैं हालांकि मुखिया जी सख्त हुए हैं ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी करवा रहे हैं। जनता में खुसुर फुसुर है कि घूसखोर लोग एक दूसरे को देख रहे हैं और यही सोच रहे हैं की चलो इस बार भी हम बच गए। और उनको फिल्म रोटी का एक गाना याद आने लग गया क्योंकि सवाल रोटी का ही है। यार हमारी बात सुनो, ऐसा एक इन्सान चुनो जिसने पाप न किया हो जो पापी न हो। लेकिन किसी ने ठीक ही कहा है कि बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी।