एक साल पहले हाईकोर्ट के दिए आदेश को नहीं माना आरटीओ ने
बाबुओं की मनमानी और फर्जी परमिट को लेकर है याचिका
रायपुर। हाईकोर्ट ने रायपुर के परिवहन कार्यालय में परमिट के फर्जीवाड़े और चल रहे बाबू राज को लेकर गहरी नाराजगी जताई और अगली सुनवाई तक पूरे स्टाफ को बदलने का आदेश सुनाया। हाईकोर्ट को आदेश दिए एक साल बीत गए लेकिन आरटीओ ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की साथ ही कोर्ट को आदेश पर प्रोग्रेस रिपोर्ट भी नहीं दी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने परमिट मामले में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर रायपुर आरटीओ को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने जल्द से जल्द पूरा स्टाफ बदलने का आदेश भी दिया। इसके साथ ही रायपुर के खमतराई थाना प्रभारी को भी 10 बजे तक हाजिर न होने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट रूम में ही रहने के निर्देश दिए।
सालों से टिका है एक कर्मचारी
कोर्ट ने सडक़ परिवहन अधिकारी कार्यालय में हो रही गड़बड़ी और परमिट को लेकर फर्जीवाड़े की शिकायत के मामले में चल रही सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया है। कोर्ट ने आरटीओ रायपुर के एक कर्मचारी के सालों से एक ही जगह पर टिके होने को लेकर नाराजगी जाहिर की और अधिकारी को फटकार भी लगाई।
फर्जीवाड़ा रोकने के आदेश
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उपस्थित आरटीओ अधिकारी कीर्तिमान सिंह ठाकुर को कार्यालय में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के कड़े शब्दों में निर्देश दिए, इसके अलावा आरटीओ का पूरा स्टाफ बदलने को भी कहा। आरटीओ स्टाफ के एक कर्मचारी के सालों से एक ही जगह टिके होने की बात पर आश्चर्य जाहिर करते हुए उसे भी बदलने के निर्देश दिएजिस पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई हैं।
कोर्ट ने परमिट मामले में रायपुर आरटीओ के अधिकारियों को पूछा कि मामले की जानकारी उन्हें है या नहीं, और नहीं है तो पूरे मामले की जानकारी एकत्र करें। ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रदेश के किसी आरटीओ कार्यालय में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर मामला कोर्ट में दायर किया गया हो और कोर्ट ने इस तरह की अव्यवस्था को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई हो, इतना ही नहीं कार्यालय के पूरे स्टाफ को भी बदलने का आदेश दिया गया है।
पिछले कुछ वर्षों में नई व्यवस्था के तहत प्रदेश भर के कई आरटीओ कार्यालयों में डिप्टी कलेक्टर स्तर के राजस्व से जुड़े अधिकारियों को जिला और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद पर बिठा दिया गया है। परिवहन के नियमों से अनजान इन अधिकारियों के आरटीओ कार्यालय में काम कराने के लिए आने वाले नागरिकों से जमकर वसूली हुई है। इसी का फायदा बाबुओं अधिकारियों ने भी उठाया और परमिट तथा अन्य दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा भी किया।
नई सरकार से सुधार की उम्मीद
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा की सरकार बनी है। वहीं कोर्ट ने भी आरटीओ के राजधानी स्थित कार्यालय को लेकर गंभीर टिप्पणी की और आदेश भी जारी किये हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि नई सरकार सिर्फ रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के आरटीओ कार्यालयों में बिगड़ी हुई व्यवस्था को कड़ाई से सुधारने की नसीहत दी।