Balodabazar. बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में यूज्ड कुकिंग ऑयल Used cooking oil से बायोडीजल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. खाद्य औषधि विभाग होटलों और ढाबों की जांच कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तेल का सही उपयोग हो और स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचे. दो बार से अधिक उपयोग किया गया कुकिंग ऑयल स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है. टोटल पोलर कम्पाउंड्स (TPC) का स्तर 25 प्रतिशत से अधिक होने पर यह उच्च रक्तचाप, एथेरोस्क्लेरोसिस, अल्जाइमर रोग, और यकृत रोग जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है. इसलिए, एफएसएसएआई (FSSAI) ने 1 जुलाई, 2018 से सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों (FBOs) को तेल की करने का निर्देश दिया है. गुणवत्ता की निगरानी
खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के आदेश के तहत, बड़े रेस्टोरेंट्स और ढाबों को जो प्रतिदिन 50 लीटर से अधिक कुकिंग ऑयल का उपयोग करते हैं, उन्हें अपने ऑयल की सोर्सिंग, उपयोग और डिस्पोजल का रिकॉर्ड मेंटेन करना होगा. सरकारी एजेंसियां इस तेल को कलेक्ट करके बायोडीजल बनाने के लिए उपयोग करेंगी. रेस्टोरेंट्स, होटलों और फूड प्लाजा में समोसा, पकोड़े आदि तलने के बाद बचे हुए तेल को अब नाली में नहीं बहाया जा सकेगा. पर्यावरण और स्वास्थ्य को बचाने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन, CBDA के सहयोग से, इस तेल से बायो फ्यूल बनाने की योजना पर काम कर रहा है. RUCO (रिपर्पस यूज्ड कुकिंग ऑयल) के तहत विभाग EEE (एजुकेट, एनफोर्समेंट, इकोसिस्टम) पर काम कर रहा है. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा खाद्य कारोबारकर्ताओं को यूज्ड कुकिंग ऑयल के नुकसान और पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरूक किया जा रहा है. तेल की गुणवत्ता की जांच के लिए 20 जिलों के अधिकारियों को फ्राईंग ऑयल मॉनीटर दिए गए हैं.