फसल बचाने किसानों ने नदी का पानी किया डायवर्ट, 3 दिन तक किए मेहनत

Update: 2023-08-10 06:40 GMT

गरियाबंद। किसानों ने अपने फसल को बचाने के लिए दिन रात मेहनत कर एक सफल प्रयास किया है. ये किसानों के परिश्रम की कहानी गरियाबंद जिले की है. यहां सुख रहे फसल को बचाने देवभोग में 7 गांव के 50 किसानों ने पहले नदी का रुख बदला, टूटे स्ट्रक्चर को रेत की बोरियों से ढका और तीन दिन की कड़ी मेहनत के बाद 1000 एकड़ को सींचने लायक पानी पहुंचाया. खरीफ में सूखे से निपटने करोड़ों की लागत से बनी 24 सिंचाई योजनाएं किसानों तक लाभ नहीं पहुंचा पा रही है.

किसानों के फसल पर अब अल्प वर्षा का खतरा मंडराने लगा है. बोनी के बाद खेतों में नजर आ रही दरार किसानों को डराने लगीं है, इस समय खेतों को पानी की भारी जरूरत है. इसी जरूरत को पूरा करने तेल नदी पार बसे 7 गांव के 50 किसानों की मेहनत रंग ले आई. इस इलाके में सिंचाई सुविधा देने तेल नदी जलप्लावन योजना बना हुआ है. 9 गांव के 600 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई के लिए 400 चेन यानी 12 किमी लंबी नहर भी बना हुआ है. लेकिन जलप्लावन के कुओं में तेल नदी का पानी नहीं आ रहा है. नहरों में भरे हुए रेत और जगह-जगह डेमेज हो चुके स्ट्रक्चर के कारण पानी अंतिम छोर तक भी नही पहुंच पा रहा था. ऐसे में दहीगांव, निष्टीगुड़ा, परेवापाली, सेनमुड़ा, सुपेबेडा, मोटरापारा के करीबन 50 किसानों ने तीन दिन पहले नहरों में पानी ले जाने का प्रण लिया.


Tags:    

Similar News

-->