किसान नेतराम एकीकृत कृषि प्रणाली से कमा रहे अधिक मुनाफा

Update: 2021-10-01 06:44 GMT

कोरबा। खेती किसानी के लिए उपलब्ध जमीन पर एकीकृत पद्धति से कृषि कर जिले के किसान श्री नेतराम पाटले अतिरिक्त मुनाफा कमा रहे हैं। श्री पाटले किसानी जमीन के सभी भागों का सदुपयोग कर अधिक आर्थिक लाभ की ओर बढ़ रहे हैं। विकासखड कटघोरा के अंतर्गत ग्राम बिरदा के रहने वाले किसान श्री नेतराम अपने जमीन पर फसल उगाने के साथ मशरूम उत्पादन, मछली पालन और बतख पालन कर अपनी आमदनी में वृद्धि कर रहे हैं। एक साथ खेती के विभिन्न तरीकों से आर्थिक लाभ अर्जित करने की यह एकीकृत कृषि प्रणाली जिले के किसानों को आर्थिक मजबूती की राह दिखा रहा है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य खेती की जमीन के हर हिस्से का सही तरीके से इस्तेमाल करना है। जिले के किसानों को खेती करने में सहायता प्रदान करने के लिए कृषि विभाग द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सिंचाई पंप एवं स्प्रिंकलर सेट भी प्रदान किया जाता है।

किसान श्री नेतराम ने बताया कि ग्राम बिरदा में उनके पास लगभग 6 एकड़ कृषि योग्य भूमि है। इस भूमि में उनके द्वारा एकीकृत कृषि प्रणाली के तहत धान की खेती के साथ बतख पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन का भी काम किया जाता है। नेतराम अपनी जमीन पर मशरूम की खेती भी करते हैं। उन्होंने बताया कि धान की कटाई के बाद बचे हुए पैरे का उपयोग मशरूम उत्पादन में किया जाता है। किसान नेतराम ने बताया कि धान की खेती से लगभग 80 क्विंटल उत्पादन होता है जिसे बेचकर लगभग दो लाख रूपए की आमदनी होती है। इसी प्रकार सब्जी की खेती से लगभग दस हजार रूपए, मछली पालन से दस हजार रूपए, मुर्गी पालन से 20 हजार रूपए, बतख पालन से 10 हजार रूपए और मशरूम की खेती से लगभग 30 हजार रूपए की आय प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा उन्हें सिंचाई पंप, स्प्रिंकलर सेट एवं फसलों को कीट व्याधि से बचाने दवाईयों के छिड़काव के लिए पावर चलित स्प्रेयर प्रदान किया गया है। किसान श्री पाटले ने बताया कि उन्होंने अपने जमीन पर मोबाइल टावर भी लगवाया है जिससे उनको प्रति महीने छह से सात हजार रूपए किराए के रूप में मोबाइल टावर कंपनी से प्राप्त होता है। उन्होंने आगे बताया कि एकीकृत प्रणाली से निश्चित तौर पर आर्थिक लाभ हो रहा है जिससे उनके बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि एकीकृत कृषि प्रणाली छोटे और सीमांत किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक है। किसान अपनी जमीन के सभी भागों का उपयोग करते हुए एकीकृत प्रणाली से खेती कर अधिक आर्थिक लाभ कमा सकते है।

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