नंबर वन न्यूज पोर्टल होने का फर्जी दावा...डीपीआर जारी कर सकता है नोटिस
जनता से रिश्ता का गूगल एनालिस्टिक रिपोर्ट देखकर स्वयं फैसला करें...सबूत के साथ देखिए गूगल एनालिटिक रिपोर्ट अक्टूबर माह की...कौन है नंबर वन...जन-संपर्क विभाग जाँच करें
सबूत के साथ देखिए गूगल एनालिटिक रिपोर्ट अक्टूबर माह की...कौन है नंबर वन...जन-संपर्क विभाग जाँच करें
रायपुर। छत्तीसगढ़ में न्यूज पोर्टल और वेबसाइट लोगों को खबर पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभा रहीं हैं। इससे खबरों की विश्वसनीयता बढ़ी हैं और लोग अब प्रिंट मीडिया के बजाय न्यूज पोर्टल और वेबसाइट को ही समाचारों और खबरों के लिए माध्यम बना रहे हैं। लेकिन अपनी बढ़ती सक्रियता और लोकप्रियता के फेर में कुछ वेबपोर्टल और वेबसाइट स्वयं को पूरे प्रदेश में नंबर एक बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। जबकि प्रदेश के संबंधित विभाग ने साफ शब्दों में इस बात से इंकार किया है कि उसके द्वारा न ही किसी वेबपोर्टल-न्यूज वेबसाइट के लिए कोई सूची जारी की गई है और नहीं किसी को नंबर एक का तमगा दिया गया है। गूगल एनालिस्टिक के आधार पर अगर कोई इस तरह का दावा करता है तो वह अमान्य है, इसके लिए संबंधित वेबसाइट-वेबपोर्टल को नोटिस जारी किया जा सकता है।
गौरतलब है कि राजधानी से संचालित एक वेबसाइट ने दावा किया है कि राज्य सरकार की इम्पैनल कमेटी ने 500 से ज्यादा न्यूज वेबसाइटों के आकलन और कड़ाई से परीक्षण के बाद उसे प्रदेश का नंबर वन न्यूज वेबसाइट घोषित किया है। इस वेबसाइट ने करीब 8 लाख प्रतिमाह गूगल हिट का दावा किया है। जबकि दूसरे नंबर रही न्यूज वेबसाइट उसके आधे भी नहीं हैं। अगर न्यूज वेबसाइट और वेबपोर्टल गूगल एनालिस्टिक को आधार मानकर नंबर एक होने का दावा करता है तो इस आधार पर जनता से रिश्ता पूरे मध्य भारत में सर्वाधिक देखे जाने और व्यूवर्स संख्या वाला न्यूज वेबसाइट है। जनता से रिश्ता बाकायदा इसके लिए गूगल एनालिस्टिक का रिपोर्ट भी अपने व्यूवर्स के लिए प्रस्तुत कर रहा है। जिसे देखकर नंबर वन का दावा करने वाले वेबसाइट के दावे खोखले साबित हो जाएंगे।
साल 2013 में जब न्यूज वेबसाइट की इंटरनेट पर सक्रियता बढ़ी तभी से जनता से रिश्ता ने अपनी पहचान बनाना शुरू किया था, जिसे आज लोगों को इतना प्यार और भरोसा मिल रहा है कि यह वेबसाइट त्वरित और विश्वसनीय खबरें लोगों तक सबसे पहले पहुंचाने में सफल हो रहा है। लोगों के भरोसे को जनता से रिश्ता ने कभी कमजोर नहीं पडऩे दिया। जनता से रिश्ता के विगत तीस दिनों का जो औसत है उसके अनुसार प्रति दिन 1,36,720 पाठक, और पूरे महीने का 36,13,456 पाठक हैं। मध्य भारत और छत्तीसगढ़ प्रदेश में 2013 से हमारा रजिस्टर्ड वेबसाइट है जो एक मात्र कापीराइट एक्ट के तहत व टे्रडमार्क के साथ भी रजिस्टर्ड है। जनता से रिश्ता ने समय-समय पर फर्जी वेबसाइट के आडिट, गूगल एनालिस्टिक रिपोर्ट की जांच करने की जरूरत बताई थी और आज भी यह मांग करती है कि फर्जी वेबसाइट्स पर रोक लगाने के लिए उसकी आडिट और एनालिस्टिक रिपोर्ट की जांच की जाए ताकि ऐसे वेबसाइट पाठकों को गुमराह न कर सकें।
1. अधिकांश वेबसाइट संचालकों ने फर्जी गूगल एनालिस्टिक आकंड़े बढ़ाकर डीपीआर में प्रस्तुत किए हैं, जनता से रिश्ता ने अपने खबरों और शिकायतों के माध्यम से जनसंपर्क संचालनालय को अवगत करा रहा था।
2. जिन वेबसाइट संचालकों के पास एक भी कर्मचारी नहीं और मोबाइल से वेबसाइट का संचालन करते हैं ऐसे वेबसाइट को संज्ञान में लेकर इसकी जांच की जानी चाहिए। जनता से रिश्ता ने स्पष्ट रूप से अपने शिकायत में कहा था कि इंटरनेट का कनेक्शन, यूजर्स के आधार और गूगल एडसेंस के यूजर , पेज व्यूवर्स को ही पैमाना मानकर वेबसाइट का आंकलन किया जाता है और इसी तरीके डीएवीपी ने मान्यता दी है। और इसी के आधार पर ही हम वेबसाइट के आंकलन की हम लगातार मांग कर रहे हैं।
3. जनता से रिश्ता ने पहले ही आशंका जताई थी कि जिनके पास एक भी कर्मचारी नहीं हैं या तो नगण्य हैं ऐसे फर्जी वेबपोर्टल वाले अपने आप को नंबर वन बताने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
जनसंपर्क विभाग द्वारा न ही किसी वेबपोर्टल-न्यूज वेबसाइट के लिए कोई सूची जारी की गई है और नहीं किसी को नंबर एक का तमगा दिया गया है। गूगल एनालिस्टिक के आधार पर अगर कोई इस तरह का दावा करता है तो वह अमान्य है, इसके लिए संबंधित वेबसाइट-वेबपोर्टल को नोटिस जारी किया जा सकता है।