गिरौधपुरी धाम में मेला का आयोजन

Update: 2024-12-18 04:45 GMT

रायपुर। संत गुरु घासीदास की आज जयंती मनाई जा रही है. इस अवसर पर प्रदेश के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक जोरदार आयोजन की तैयारी चल रही है. देश-प्रदेश से हजारों की संख्या में लोग गुरु घासीदास की जन्मस्थली गिरौधपुरी धाम पहुंच रहे हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को बाबा घासीदास की जयंती पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के गिरोदपुरी में 18 दिसंबर 1756 को घासीदास का जन्म सतनामी जाति में हुआ था. गुरु घासीदास महंगू दास और अमरौतिन माता के पुत्र घासीदास ने सतनाम का प्रचार किया. गुरु घासीदास के बाद उनके पुत्र गुरु बालकदास ने शिक्षाओं और परंपरा को आगे बढ़ाया.

बाबा गुरु घासीदास के जीवनकाल में भारत में राजनीतिक माहौल शोषण का था. घासीदास ने कम उम्र में जाति व्यवस्था की बुराइयों का अनुभव किया, जिससे उन्हें जाति-ग्रस्त समाज में सामाजिक गतिशीलता को समझने और सामाजिक असमानता को खारिज करने में मदद मिली.

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