बिलासपुर। जल जीवन मिशन का प्रभार संभालते ही संचालक आलोक कटारिया ने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई की है। बिलासपुर एवं जांजगीर-चांपा जिले में निकाले गए 400 से अधिक निविदाओं में करोड़ों रुपयों की गड़बड़ी पाए जाने पर पीएचई के कार्यपालन यंत्री एसके चंद्रा को निलंबित कर दिया गया है। टेंडर प्रक्रिया की विस्तृत जांच का आदेश भी जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार पीएचई के कार्यपालन यंत्री चंद्रा ने 15 जुलाई 2022 से 7 दिसंबर 2022 तक 201 निविदाएं विभिन्न कार्यों के लिए आमंत्रित की थी। इनमें से एकल निविदा या निविदा प्राप्त नहीं होने के कारण 95 निविदाओं को लंबित रखा गया। इन निविदाओं को 15 दिन तक न तो निरस्त किया गया, न फिर से निविदा बुलाने की कार्रवाई की गई। 15 दिन बाद इन 95 निविदाओं में से 15 निविदाओं को संशोधित कर दिया गया। यह निविदाएं न तो अखबार में प्रकाशित हुई न ही अन्य किसी माध्यम से सार्वजनिक की गई। केवल 6 घंटे के लिए ऑनलाइन खोला गया। इसमें ठेकेदारों ने अपनी मनमर्जी से एसओआर से अधिक दर डाली, फिर बंद कर दी गई। इन सभी 15 निविदाओं में एक जैसे 2-2 ठेकेदारों ने भाग लिया और इन्हें एसओआर से लगभग 10 फीसदी अधिक पर पात्र घोषित कर दिया गया। दूसरी तरफ शेष 80 निविदाओं को संदेहास्पद परिस्थितियों में लंबित ही रखा गया और अचानक नवंबर माह में निरस्त कर दिया गया।