एकलव्य और प्रयास विद्यालय के विद्यार्थियों की होगी ट्रैकिंग, शिक्षा मंत्री ने किया वेबसाइट का शुभारंभ

Update: 2021-11-11 14:04 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में संचालित एकलव्य और प्रयास विद्यालयों से पढ़कर निकले बच्चों की ट्रैकिंग की जाएगी। ट्रैकिंग के माध्यम से स्कूल से 5 वर्ष पूर्व पढ़कर निकले बच्चे वर्तमान में क्या कर रहे हैं, शासकीय, अशासकीय नौकरी या स्वयं का व्यवसाय या अन्य कार्य कर रहे हैं, इसकी जानकारी प्राप्त की जाएगी। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज यहां मंत्रालय में विभाग और एनआईसी के सहयोग से ट्रैकिंग के लिए बनाई गई वेबसाइट http://eklavya.cg.nic.in/ (एकलव्य डाट सीजी डाट एनआईसी डाट इन) का शुभारंभ किया।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में संचालित एकलव्य विद्यालय में अध्ययनरत 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पहली बार पीईटी और पीएमटी प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग दी जाएगी। कोचिंग के लिए विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। राजीव युवा उत्थान योजना के अंतर्गत जिलों में अभ्यर्थियों का चयन कर उन्हें रोजगार और राज्य में होने वाली शासकीय भर्तियों के लिए मार्गदर्शन और कोचिंग दी जाएगी।

मंत्री डॉ. टेकाम ने विभागीय योजना की समीक्षा के दौरान बैठक में उपस्थित जिलों के परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना और सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देशित किया कि वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत सामुदायिक वनाधिकार पट्टों का शीघ्र निराकरण करें। व्यक्तिगत वन अधिकार धारकों को शासन की सुविधाओं का लाभ दिलाएं। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती शीघ्र कराएं। दावा-आपत्ति के प्रकरणों में नियम के अनुसार पट्टा दिया जाए। अभिलेख में राजस्व और वन भूमि का रकबा दर्ज होना चाहिए, ताकि हितग्राही को शासकीय योजना और सुविधाओं का लाभ मिल सके। पट्टा अधिकार प्राप्त हितग्राहियों के खेतों में मेढ़ बंधान, भूमि समतलीकरण कार्य के साथ कृषि उपकरण और बीज वितरण का लाभ भी दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। बच्चों को गणवेश और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाए। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि आदर्श छात्रावास जिले के लिए आदर्श बनें। वहां का बाथरूम और किचन साफ-सुथरा रहे। विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को मिलने वाली सुविधाएं उन तक पहुंचाई जाए। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत चयनित निर्माण कार्यों को बदला न जाए। पहले विभागीय मद की राशि खर्च की जाए। उन्होंने कहा कि कोचिंग कराने वाले संस्थान की मॉनिटरिंग भी की जानी चाहिए। विशेष केन्द्रीय सहायता, 275 (1) आबंटन विशेष पिछड़ी जनजाति अभिकरण के स्वीकृत अधूरे और अपूर्ण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। 

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