एलएचबी कोचों में अधिक बर्थ होने से रेल यात्रियों को अधिक कन्फर्म बर्थ की सुविधा

छग

Update: 2023-01-05 15:07 GMT
रायपुर। रेल यात्रियों को सुविधाजनक, आरामदायक और सुरक्षित बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली सभी ट्रेनों में धीरे-धीरे पुराने आईसीएफ़ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच को हटाकर नई तकनीक वाले एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाये जा रहे हैं । वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली 16 ट्रेनों को नई तकनीक वाले एलएचबी कोच के साथ चलाई जा रही है । एलएचबी कोच का नाम इसका सर्वप्रथम निर्माण किये गये जर्मनी की कंपनी लिंक हॉफमैन बुश के नाम पर पड़ा है। एलएचबी कोच भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम सन् 1999 में शामिल किए गये। वर्तमान में इसका निर्माण कपूरथला रेलवे कोच फैक्टरी में किया जा रहा है।
एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होता है। रेल परिचालन की दृष्टि एलएचबी कोच काफी सुरक्षित है। आज के समय की मांग पर अगर स्पीड की बात की जाए तो ये कोच सामान्य कोचों की अधिकतम गति 110-130 कि.मी. की तुलना में 160 से भी अधिक की गति के लिए डिजाईन की गई है, एवं अधिकतम गति के लिए उपर्युक्त है। इन कोचों में सामान्य कोचों की तुलना में ज्यादा जगह होती है जिससे इसके स्लीपर एवं एसी कोचों में अधिक बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराकर रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ की सुविधा प्रदान करने में भी सहायता मिलती है। एलएचबी कोच में हाइड्रोलिक सस्पेंशन का प्रयोग किया जाता है। वही दाएं बाएं मूवमेंट के लिए भी सस्पेंशन का प्रयोग किया गया है, जिससे सफर आरामदायक हो जाता है।
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