रायपुर। राजधानी में आज कोरोना वैक्सीनेशन का माकड्रिल किया जा रहा है। शहर के 19 स्कूलों में इसकी व्यवस्था की गई है। सरस्वतीनगर के कोविड टीकाकरण केंद्र में शनिवार को सुबह 10 बजे कोरोना वैक्सीन की पहली डमी डोज लगाई गई। जिन्हें वैक्सीन की डमी डोज लगायी जानी और जिन्हें टीकाकरण की जिम्मेदारी निभानी है, उन सभी को मोबाइल पर मैसेज भेजकर समय से पहले उपस्थित होने को कहा गया था।
हेल्थ वर्कर को ड्रायरन में डमी डोज बिलकुल इस तरह लगायी जाएगी जैसे वास्तव में टीकाकरण हो रहा है। ये भले ही रिहर्सल है, लेकिन हर किसी को शेड्यूल के अनुसार ही अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी होगी। टीकाकरण के ड्रायरन यानी मॉकड्रिल जरिये ये आंकलन किया जाएगा कि कोरोना के टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण अभियान की तैयारी में किसी तरह की कोई खामी तो नहीं है। मॉकड्रिल के दौरान जिस तरह की तकनीकी दिक्कत सामने आएगी, उसके अनुसार टीकाकरण की प्लानिंग की जाएगी। अफसरों के अनुसार मॉकड्रिल के जरिए देखा जाएगा कि वैक्सीन को टीकाकरण केंद्र तक पहुंचाने में किसी तरह की कोई तकनीकी बाधा तो नहीं आ रही है। वैक्सीन को निर्धारित कूलिंग सिस्टम में रखने में कोई दिक्कत तो नहीं। इस दौरान इस बात पर भी फोकस रहेगा कि कोल्ड चेन मैनेजमेंट और लॉजिस्टिक्स के साथ ही वैक्सीनेशन के लिए पहुंचने में लोगों को किसी तरह की परेशानी तो नहीं हो रही है।
हर सेंटर में 5 हेल्थ वर्कर : ड्राय रन में वैक्सीन लगवाने वालों के अलावा हर टीकाकरण सेंटर में 5 हेल्थ वर्कर की ड्यूटी लगाई गई है। वेरिफिकेशन करने से लेकर जरूरी व्यवस्था की मानीटरिंग की जिम्मेदारी उन्हीं को सौंपी गई है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार अगले दो हफ्ते बाद प्रदेश में हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लगाई जा सकती है। हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी जरूरी है। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा। अफसरों के अनुसार कोरोना का टीकाकरण बेहद महत्वपूर्ण अभियान है। इसी वजह से रिहर्सल को भी काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। रायपुर के अलावा प्रदेश के 7 जिलों में एक साथ टीकाकरण की मॉकड्रिल की जा रही है।