रायपुर। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर झीरम घाटी में हुए विभत्स नक्सली वारदात की नवीं बरसी पर शहर के युवा लेखक विपिन त्रिपाठी के द्वारा लिखी गई पुस्तक "श्रद्धांजलि झीरम के वीरों को" का विधानसभा आडिटोरियम में शहीद परिवारों की उपस्थिति में गरिमामय विमोचन विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत के कर-कमलों से संपन्न हुआ। विधानसभा आडिटोरियम में, झीरम में शहीदों के परिजनों की उपस्थिति में व अतिथियों से पूरी तरह भरे हुए सभागार में "श्रद्धांजलि झीरम के वीरों को" पुस्तक का गरिमापूर्ण विमोचन,छत्तीसगढ़ के इतिहास में किसी पुस्तक का विमोचन प्रथम बार हुआ है।
25 मई 2013 को दरभा के झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिला पर माओवादियों के द्वारा किए गए हृदय विदारक घटना में शहीद हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमर शहीद स्व. विद्याचरण शुक्ल, अमर शहीद स्व. नंदकुमार पटेल, अमर शहीद स्व. महेन्द्र कर्मा, अमर शहीद स्व. उदय मुदलियार, सभी शहीद नेतओं व कार्यकर्ताओं का संपूर्ण जीवन परिचय,उनके राजनीतिक, सामाजिक योगदान व उपलब्धियों पर तथा उनके वीरता पूर्वक शहादत पर विस्तार से लिखा गया है। इसके साथ ही शहीद हुए दस पुलिस जवानों के अद्भुत शौर्य व पराक्रम पर उनके अद्वितीय त्याग व बलिदान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। "श्रद्धांजलि झीरम के वीरों को" पुस्तक में प्रकाशित शहीदों से संबंधित तस्वीरें पुस्तक का महत्वपूर्ण भाग है। तस्वीरों का संकलन दर्शाता है कि लेखक ने किस शिद्दत से एक-एक तस्वीरों को प्राथमिकताओं के साथ संकलित किया है। लेखक विपिन त्रिपाठी की छत्तीसगढ़ के शहीदों की शौर्यगाथा पर लिखी गई यह पांचवी पुस्तक है।
"श्रद्धांजलि झीरम के वीरों को" पुस्तक के विषय में डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि हमारे सम्माननीय वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं व पुलिस जवानों के अद्भुत त्याग व बलिदान पर आधारित इस पुस्तक को उसकी गरिमा के अनुरूप सम्मान मिलना आवश्यक था। इसलिए मैने विपिन त्रिपाठी के आग्रह को स्विकार करते हुए, उन्हें अपनी सहमती प्रदान की। पुस्तक का विमोचन करने से पहले डॉ. चरणदास महंत ने शहीदों की छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किया। उन्होने अत्यंत भावुक होते हुए अपने बिछड़े हुए साथियों का स्मरण का, उन पुण्य आत्माओं को नमन व प्रणाम किया। डॉ. चरणदास महंत ने उपस्थित शहीदों के परिजनों का नम आखों से सम्मान किया।शहीदों के परिजनों का सम्मान का जब समय आया तो शहीदों की मॉव पत्नी की सिसकियों से सारा सभागार शोकमय हो गया। उपस्थित सभी की आखें नम हो गई। डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि विपिन त्रिपाठी द्वारा लिखे गए पुस्तक के हर पृष्ठ पर उनका परिश्रम दिखता है। इस कार्यक्रम की रूपरेखा उन्होने तैयार कर उसे सफलतापूर्वक अंजाम तक पंहुचाया जिसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं।
इस अवसर पर विधायक अमितेश शुक्ल, पूर्व विधायक राजकमल सिंघानिया, विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा, समाजसेवी सुनील गुप्ता, लवकुश पाण्डेय, अनूप डे व अन्य उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में संतोष कुमार साहू व प्रवीण कुमार तिवारी का विशेष योगदान रहा।