डॉक्टर ने जीवन दीप समिति को लगाया चूना, निकाल लिए डेढ़ लाख रूपए

छग

Update: 2023-02-19 03:38 GMT

दुर्ग। मुर्दे को अनफिट व फिट सार्टिफिकेट जारी करने वाले सुपेला के पूर्व प्रभारी डॉ. पियम सिंह का एक नया मामला सामने आया है। सरकारी सेवा में पदस्थ एनेस्थेटिक डॉ. शीतल यादव को प्राइवेट बताकर उन्होंने जीवन दीप समिति से करीब 1.5 लाख रुपए भुगतान कर दिया है। पूर्व प्रभारी हालांकि स्वयं द्वारा अंजाम दी गई इस गड़बड़ी को वरिष्ठ अधिकारियों की मौखिक अनुमति बता रहे हैं, लेकिन सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम व सिविल सर्जन डॉ. वाईके शर्मा ने इसे वित्तीय गड़बड़ी बता दिया है।

उनका कहना है कि डॉ. शीतल यादव डीएमएफ (डिस्ट्रिक माइनिंग फंड) से स्वास्थ्य विभाग में बतौर एनेस्थेटिक नियुक्त है। जरूरत अनुसार अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में पहुंचकर एनेस्थीसिया देना ही उनकी ड्यूटी है। विभाग इसके लिए उन्हें सम्मानजनक मानदेय देता है। सरकारी एनेस्थेटिक उपलब्ध नहीं होने पर अस्पताल प्रभारी इमरजेंसी में एनएचएम मद से निर्धारित चार्ज देकर प्राइवेट एनेस्थेटिक बुला सकते हैं।

सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम के मुताबिक एनएचएम अर्थात नेशनल हेल्थ मिशन में इमरजेंसी प्रसव में सरकारी एनेस्थेटिक की उपलब्धता नहीं होने पर प्राइवेट एनेस्थेटिक बुलाने का प्रावधान है। इसके लिए एनएचएम से लगभग 3000 रु. मिलते हैं। इस नियम व एनएचएम में पर्याप्त पैसा रहते हुए भी पूर्व प्रभारी डॉ. पियम ने लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल की कम बजट वाली जीवन दीप समिति को चूना लगाया है।


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