जांजगीर-चांपा। बाल विवाह संबंधी सूचना पर महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ग्राम पुछेली पहुंचे। यहां बालिका के घर जाकर उम्र सत्यापन के लिए अंकसूची की 10वीं अंकसूची की जांच की गई, जिसमें 17 वर्ष 5 माह 5 दिन होना पाया गया। बारात आ चुकी थी, दोनों पक्षों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया एवं समझइश के बाद सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में दोनों वर पक्ष तथा वधु पक्ष की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया।
दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेंद्र सिंह जायसवाल पुलिस विभाग से सहा उप निरीक्षक संतोष बंजारे, प्रधान आरक्षक ओम प्रकाश अजगल्ले, आरक्षक इंद्रजित सिंह कवंर थाना बम्हनीडीह शामिल थे। बता दें कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध दर्ज कर विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 1 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।