बिल्डरों के प्लैट से मोहभंग, मध्यवर्गीय परिवारों में बढ़ी स्वतंत्र मकान की मांग
- नगर निगम में बंधक रखी हुई भूमि को भी बेच देते हैं, बैंकों में गिरवी रखने का गोरखधंधा
- रेरा की लगातार बिल्डरों खिलाफ कार्रवाई से बिल्डरों में हड़कंप मचा
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। रेरा द्वारा लगातार बिल्डरों खिलाफ कार्रवाई से बिल्डरों में हड़कंप मचा हुआ है बिल्डरों के रूखे व्यवहार के कारण मध्यम वर्गीय परिवार अब अपना स्वतंत्र मकान बनाने के सपने सजोने लगे हैं अधिकांश मध्यम वर्गीय परिवार अब बिल्डर से फ्लैट लेने की उम्मीद नहीं करता ना अपेक्षा रखता है अब सीधे छोटी सी जमीन लेकर अपना स्वतंत्र मकान बनाने की फिराक में रह रहा है पूरे छत्तीसगढ़ में मध्यवर्गीय परिवार के द्वारा स्वतंत्र मकान की मांग बढ़ती जा रही है।
स्वतंत्र मकान की लोकप्रियता देखते हुए आने वाले समय में दूरदराज इलाके में भी स्वतंत्र मकान भारी डिमांड होंगी ऐसी मार्केट के जानकारों का कहना है राजधानी और आसपास के बाहरी क्षेत्रों में जमीनों के रेट बहुत कम होने के उदाहरण अधिकांश मध्यवर्गीय परिवार छोटा टुकड़ा जमीन का 800 सौ और 12.00 सौ वर्गफुट लेकर अपना मकान के बनाने में ही पक्षधर है उस का प्रमुख कारण यह है एक तो स्वतंत्र मकान होता है छोटा सा बंगला टाइप 2 प्लेस भी बन सकता है दूसरा पार्किंग की व्यवस्था खुले रूप से रहती है।
तीसरा बंगले का स्वरूप भी दिखता है इसलिए स्वतंत्र मकान की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन मध्यम वर्गीय परिवार में बढ़ रही है छत्तीसगढ़ में अधिकांश परिवार स्वतंत्र मकान में पार्किंग पानी और गार्डन की पर्यावरण की उचित व्यवस्था होती है।
इसलिए यही एक कारण है जिसमें स्वतंत्र मकान मध्यम वर्गीय परिवार कभी भी बेच सकता है गिरवी कर सकता है और उसके रेट और दाम भी बढ़ते वर्तमान में फ्लैट के न दाम बढऩे रहें और ना ही फ्लैट रीसेल अधिकांश मध्यम वर्गीय परिवार की रूचि स्वतंत्र मकान की ओर चली गई है रूफ लाइट होने के कारण अपना छत अपना बंगला को आधार मानकर मध्यम वर्गीय परिवार स्वतंत्र मकान की ओर आकर्षित हो रहा है। अधिकांश नए बिल्डर रायपुर के दूरदराज इलाके में स्वतंत्र मकान बनाने के लिए होड़ मचा रखी है अब तो बिल्डर लोगों ने शासकीय जमीन प्राइवेट जमीन कोटवारी जमीन आबादी भूमि में भी अपना हाथ आजमाना शुरू कर दिया हद तो तब हो जाती है नगर पालिका निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में बंधक रखी हुई जमीन और संपत्ति अभी बिल्डर मनमाने दाम से बेच देते हैं या और कहीं अन्य जगह गिरवी रख देते हैं अधिकांश मामलों में नगर पालिका निगम में बिल्डरों द्वारा बंधक रखी गई संपत्ति आज तक नगर पालिक निगम ने संज्ञान में नहीं लिया ना ही भौतिक सत्यापन किया गया के वास्तविक जमीन जिसे निगम ने बंधक रखा था।
वह अभी सुरक्षित है या नहीं बिल्डर लॉबी की हिम्मत तो यह है नगर निगम में बंधक रखी हुई भूमि को भी बेच देते हैं या तो फिर से बैंकों में गिरवी रख देते जो एक बहुत बड़ा आर्थिक अपराध है गरीब लोगों के लिए जो सुरक्षित जमीन नगर पालिका निगम लेआउट पास करते समय छुड़ाता है उस लेआउट को भी एनकेन-प्रकरेण कर बिल्डर लोग अपने कब्जे में हथिया लेते हैं और उस पर बाद में 5 साल बाद अपना निर्माण पूर्ण करते हैं।