अवसर मिले तो दिव्यांग भी कर सकते हैं बड़ा काम : उज्जवला बघेल

छग

Update: 2023-04-06 19:05 GMT
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी की प्रबंध निदेशक उज्जवला बघेल मूक बधिर बच्चों के बीच अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल पहुंची। उन्होंने बच्चों के परीक्षा परिणाम की अंकसूची का वितरण किया और उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इंसान की शक्ति उसकी आत्मा में होती है और आत्मा कभी विकलांग नहीं होती है। हम सभी के लिए ईश्वर ने यह शरीर प्रदान किया है ताकि हम मानव रूप में मानवीय गुणों का विकास कर सकें। उन्हें बेहतर अवसर मिले तो वे भी बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं। बघेल राजेंद्रनगर बजाज कालोनी स्थित अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल के वार्षिक परीक्षा परिणाम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम रायपुर के सभापति प्रमोद दुबे ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में शर्मा इंडस्ट्रीज के संदीप शर्मा उपस्थित थे। 
बघेल ने स्कूल परिसर का भ्रमण किया और मूक-बधिर छात्रों के लिए मुहैया कराई गई सुविधाओं के लिए अर्पण कल्याण समिति की सराहना की। श्रीमती बघेल ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए कोई भी शारीरिक अक्षमता उसके आत्मिक विकास में कभी बाधा नहीं बनती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण प्रख्यात भौतिक विज्ञानी स्टीफन विलियम हॉकिंग थे, जिनका निधन कुछ वर्षों पूर्व 2018 में हुआ। वे न तो बोल सकते थे और न ही लिख सकते थे, इतना ही नहीं वे चल भी नहीं सकते थे। लेकिन उन्होंने इतने बड़े सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसे सामान्य मनुष्य नहीं कर सके। उन्होंने ब्रम्हांड के रहस्य को लोगों के सामने उजागर किया। स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया। उन्होंने 12 से अधिक मानद डिग्रियां और अमेरिका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान प्राप्त किया। वे इस जमाने के सबसे बड़े वैज्ञानिक हुए। जबकि देखा जाए तो वे दिव्यांग थे। इसलिए हम कह सकते हैं कि शारीरिक अक्षमता कभी भी मानव के विकास में बाधा नहीं बन सकती है।
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