छुरिया. खुज्जी विधानसभा सीट में कांग्रेस पार्टी से विधायक की टिकट मांगने वालों की सूची काफी लंबी हो गयी है।खुज्जी विधानसभा में वर्तमान में छन्नी साहू विधायक हैं जिनका एक कार्यकाल पूरा होने को है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व के द्वारा इस बार खुज्जी विधानसभा से किसी अन्य प्रत्याशी को मैदान में उतारा जा सकता है। यही कारण है कि दावेदारों की उम्मीदें बढ़ गयी है, साथ राजनीति गलियारों में इस बात की चर्चा भी खूब हैं। सूत्र बताते हैं विधायक प्रत्याशी के लिए ब्लाक कांग्रेस कमेटी को जितने भी आवेदन प्राप्त हुये हैं उनमें खुज्जी विधानसभा के साथ-साथ अन्य विधानसभा के भी दिग्गज कांग्रेसी नेताओं का नाम शामिल है।
वैसे तो खुज्जी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट - मांगने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है। पर एक नाम ऐसा है जो लोगों के लिये न सिर्फ चर्चा का विषय बना हुआ है बल्कि लोग इस नाम पर पुनः उम्मीद लगाये बैठे हैं। बात कर रहे हैं चुम्मन साहू का जिन्होंने ब्लाक कांग्रेस कमेटी छुरिया को अपनी दावेदारी पेस करते हुये फार्म जमा कर दिया है। इनकी दावेदारी की जानकारी जैसे ही उनके समर्थकों तक पहुंची वैसे ही लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी । उनके समर्थक इस बात की कयास लगा रहे हैं कि इस मर्तबा शायद चुम्मन साहू को विधानसभा से विधायक प्रत्याशी घोषित कर दिया जाये।
विधानसभा क्षेत्र में चुम्मन साहू की भूमिका
बात करें चुम्मन साहू की राजनीति व क्षेत्रवासियों के बीच में उनकी भूमिका की तो चुम्मन साहू वर्तमान में जनपद सदस्य व जिला कांग्रेस में महामंत्री पद पर हैं। साथ ही कांग्रेस कमेटी के दो बार ब्लॉक अध्यक्ष भी रह चुके हैं ।
बढ़ी मांग, चुम्मन को मिले टिकट
आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में खुज्जी विधानसभा से चुम्मन साहू को कांग्रेस की ओर से टिकट मिलने की मांग तेज हो गयी है। भाजपा ने भी यहां से एक नये प्रत्याशी की घोषणा कर दी है जिसे लेकर भाजपा समर्पित लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा तो वहीं कांग्रेस समर्पित लोगों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कांग्रसी भी चाहते हैं कि इस बार खुज्जी विधानसभा से नये चेहरे को टिकट मिले और नये ऊर्जा के साथ कार्यकर्ता चुनाव में काम कर सकें। ऐसे में चुम्मन साहू को एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। अब खुज्जी विधानसभा से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के द्वारा छन्नी साहू पर पुनः भरोसा जताया जाता है या फिर बेहतर विकल्प के तौर पर चुम्मन साहू जैसे जनाधार वाले प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाता है यह देखना दिलचस्प होगा