महिला सब-इंजीनियर मामले में कोर्ट का आदेश, थाना प्रभारी पर करें कार्रवाई

Update: 2022-10-04 05:25 GMT

रायगढ़। जनपद पंचायत बरमकेला की सब-इंजीनियर सोनल जैन को एक्ट्रोसिटी एक्ट से दोषमुक्त करते हुए न्यायालय ने विवेचना अधिकारी थाना प्रभारी आशीष वासनिक के विरुद्ध कठोर टिप्पणी की है और पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

अभियोजन के मुताबिक सन् 2019 में सब इंजीनियर जैन एक निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के लिए ग्राम पिहरा गई थी। वहां उसने अनंतराम पटेल से घरेलू सहायिका का इंतजाम करने कहा था। पटेल ने सुनीता निराला को उसके साथ भेज दिया। सब इंजीनियर उसे लेकर अपने घर हिमालय हाईट में आ गई। दो तीन बाद सब इंजीनियर ने उसके साथ मारपीट और गाली-गलौच की। लड़की ने अपने पिता को इसकी जानकारी दी। पिता से सब इंजीनियर ने लड़की को मिलने नहीं दिया। बाद में उसे यह कहकर छोड़ा कि वह पिता से जल्दी मिलकर वापस लौट जाए।

आरोप है कि जब लड़की अपना सामान लेने के लिए सोनल जैन के पास आई तो फिर से उसके साथ मारपीट की गई। लड़की के घर आने के दो तीन दिन बाद सोनल ने अनंत राम पटेल व उप सरपंच गौतम मिरी की मौजूदगी में फिर लड़की से गाली-गलौच की। साथ ही सात दिन काम करने का पैसा नहीं दिया। इसकी रिपोर्ट 3 नवंबर 2019 को लड़की और उनके परिजनों की ओर से थाने में दर्ज कराई गई। थाना प्रभारी ने सोनल जैन को गिरफ्तार कर विशेष मजिस्ट्रेट, एट्रोसिटी जितेंद्र जैन की कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों की सुनवाई, गवाहों और तथ्यों का परीक्षण करने के बाद कोर्ट ने सोनल जैन को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट ने टीआई आशीष वासनिक की भूमिका पर तीखी टिप्पणई करते हुए लिखा है कि उन पर उचित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी थी लेकिन राजनैतिक रूप से प्रभावशील अरुण शर्मा, गौतम मिरी और अनंतराम के साथ मिलकर उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। सोनल जैन पर अरुण शर्मा के विरुद्ध की गई शिकायत को वापस लेने का दबाव डालने के लिए झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई। कोर्ट ने एसपी को लिखा है कि वे थाना प्रभारी आशीष वासनिक के विरुद्ध उचित कार्रवाई करें और इसकी रिपोर्ट डीजीपी को भेजें।


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