रायपुर अधिकारियों के संरक्षण में बिक गए लाखों के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन

छत्तीसगढ़ में अधिकारियों के संरक्षण में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री हो गई।

Update: 2021-05-22 17:38 GMT

छत्तीसगढ़ में अधिकारियों के संरक्षण में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री हो गई। अप्रैल और मई के पहले सप्ताह में जब कोरोना चरम पर था, लोगों की मौत हो रही थी और कोरोना संक्रमित के स्वजन रेमडेसिविर के लिए भटक रहे थे, उस दौरान छत्तीसगढ़ के बाजार में नकली रेमडेसिविर की जमकर बिक्री हो रही थी। लाखों रुपये की बिक्री का यह खेल खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में यह हुआ। स्वास्थ्य विभाग के संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने अधिकारियों की मिलीभगत को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन सहित आलाधिकारियों से शिकायत की है। चंद्राकर ने रायपुर के सहायक औषधि नियंत्रक कमलकांत पाटनवार की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए तत्काल पद से हटाने की मांग की है।

उन्होंने शिकायत में साफ लिखा है कि रायपुर से पूरे प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई की गई। सरकारी और नकली रेमडेसिविर की सप्लाई मनचाहे डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से कराई गई। चंद्राकर ने यह भी आरोप लगाया कि अपने रिश्तेदारों के नाम से फर्म बनाकर रेमडेसिविर की कालाबाजारी भी की गई। सरकार ने खाद्य एवं औषधि विभाग को रेमडेसिविर की खरीदी और अस्पताल में मरीजों को लगे रेमडेसिविर का हिसाब रखने का निर्देश दिया था, लेकिन अधिकारियों ने फर्जी मरीज बनाकर रेमडेसिविर को अपने कब्जे में लिया और बाद में उसे महंगे दाम पर बेचा।
थाने में शिकायत के बाद उजागर हुआ मामला
मध्य प्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी नकली रेमडेसिविर का मामला उजागर हुआ है। नकली रेमडेसिविर खरीदी के मामले में रायपुर के माना थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। जांच में पता चला है कि मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले सूरत स्थित आदिनाथ डिस्पोबल को ही रायपुर की डायमंड एजेंसी ने रेमडेसिविर की खरीदी का आर्डर दिया था। आदिनाथ डिस्पोबल कंपनी के संचालक कौशल वोरा हैं, जो देशभर में एक लाख नकली रेमडेसिविर इंजेक्शंस सप्लाई करने के रैकेट में मुख्य आरोपित है। डायमंड एजेंसी ने कंपनी को आठ लाख एडवांस दिया, लेकिन मध्य प्रदेश में रैकेट पकड़े जाने के बाद सप्लाई नहीं हो पाई। सूत्रों की मानें तो एक मई को रैकेट पकड़े जाने से पहले लाखों रुपये बिना बिल के रेमडेसिविर की सप्लाई छत्तीसगढ़ में हो चुकी थी। इस सप्लाई में रायपुर के सहायक खाद्य एवं औषधि नियंत्रक कमलकांत पाटनवार और आला अधिकारियों की भूमिका है।


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