रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में एओरटिक एम्यूरिज्म के मरीज की जटिल और चुनौती भरी सर्जरी हुई सफलतापूर्वक

Update: 2022-11-11 11:15 GMT

रायपुर। एक युवक, जिसको पेट मे दर्द की शिकायत थी, कई डाक्टर्स के पास, इलाज के लिये गया लेकिन दर्द ठीक नहीं हुआ। उसका पेट का सोनोग्राफी एवं सीटी एंजियाेग्राफी की गई, जिसमें उसे बड़े एओरटिक एन्यूरिज्म पाया गया, जो छाती से पेट के ऊपरी हिस्से तक फैला था एओरटिक एन्यूरिज्म हृदय से छाती, पेट और पैर के नीचे के हिस्से के रक्त पंहुचाने वाली बड़ी, रक्त वाहिनी के फैल जाने से होता है। यह जीवन के लिये, घातक स्थिति होती है। इतने बड़े आकार का एन्यूरिज्म का होना एक असामान्य स्थिति है, जिसका इलाज जटिल व चुनौतीपूर्ण होता है।

डॉ. प्रशांत पोटे इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट ने इस मरीज का एंडोवस्कुलर स्टेंट ग्राफ्ट द्वारा इलाज करने का निर्णय किया, इसमें पेट या छाती को चीरा लगाकर खोलने की जरूरत नही पड़ती। इस टेकनीक मे, एम्यूरिज्मल एओरटा में कवर्ड स्टेंट्स डाला जाता है, जिससे उसके फटने का खतरा नही होता। यह स्टेंट ग्राफ्ट दाहिनी ग्रोइन आर्टरी में छोटा चीरा लगाकर किया गया। मरीज स्वस्थ्य हो गया, एक सप्ताह में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी में डॉ. विनोद आहुजा एनीस्थिया टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में, यह अपनी तरह का पहली सर्जरी थी जो 3 स्टेंट्स डालकर की गई।

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