रायपुर। कई वर्षो के प्रयासों के बाद हसदेव अरण्य के 17 गांवों को सामुदायिक वन अधिकार प्रदान कर दिया गया है। मान्यता प्राप्त सामुदायिक वन संसाधन अधिकार क्षेत्र में पतुरिया, गिदमुडी, मदनपुर साउथ सहित 9 कोल ब्लॉक प्रस्तावित थे।
हसदेव अरण्य क्षेत्र के कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के 17 गांव की ग्रामसभाओं ने वनाधिकार मान्यता कानून 2006 के तहत सामुदायिक वन संसाधन के दावों को विधिवत प्रक्रिया के तहत ब्लॉक स्तरीय समिति में जमा किया था।
चूंकि दावा किए गए क्षेत्रों में कोल ब्लॉक प्रस्तावित था, उनके वन अधिकारों को मान्यता नही दी जा रही थी। वर्ष 2021 में हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति की राजधानी तक पदयात्रा के दरम्यान राज्य सरकार ने हसदेव का 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र लेमरू हाथी रिजर्व के रूप में घोषित किया। इससे इस क्षेत्र में प्रस्तावित सभी कोल ब्लॉक की स्वीकृति की प्रक्रिया रोकते हुए आवंटन निरस्त कर दिए गए थे। लेमरू हाथी रिजर्व के रूप में अधिसूचित होने के बाद जिला स्तरीय समिति ने सभी दावों को स्वीकृत कर सामुदायिक वन संसाधन के अधिकारों को मान्यता प्रदान की है।