आम छत्तीसगढि़या का अनुभव और उनकी जरूरतें हैं योजनाओं का आधार : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

Update: 2021-06-11 12:06 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आम छत्तीसगढि़या का अनुभव और उनकी जरूरतें हैं राज्य सरकार की योजनाओं का आधार। यही कारण है कि हमारी योजनाएं आम लोगों तक जमीनी स्तर पर सुगमता से पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का संतोष है कि हमारे अन्नदाता आज खुश हैं। लोगों को योजनाओं का लाभ और गांवों में ही रोजगार का जरिया मिल रहा है। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है और उनमें नया आत्मविश्वास जगा है। मुख्यमंत्री आज राजनांदगांव और धमतरी जिले में 828 करोड़ रूपए के लोकार्पण-भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर राजनादगांव जिले में 556 करोड़ रूपए के 192 विकास कार्याें तथा धमतरी जिले में 271 करोड़ 51 लाख रूपए के 270 नए विकास कार्याें की सौगात दी और शासन की विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से चर्चा कर उन्हें मिले फायदे की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों की जरूरत को समझते हुए सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी, वनोपज खरीदी, वनोपजों का प्रसंस्करण जैसी अनेक योजनाओं की शुरूआत हुई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। सुराजी गांव योजना के गौठानों में आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से जहां महिलाएं सशक्त हो रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों का खेती किसानी की ओर भरोसा लौटा है। किसानों की संख्या बढ़ी है और खेती का रकबा भी बढ़ा है। गोधन न्याय योजना से ऐसे किसानों और पशुपालकों को भी फायदा हुआ है, जिनके पास न तो खेत है, न पशु है, ये लोग भी केवल गोबर बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को समितियों से रासायनिक खाद सस्ती दर पर मिले इसकी भी व्यवस्था की गई है। अभी जब रासायनिक खाद की कीमतों में बढोतरी हुई थी, तो इसने किसानों को चिंता में डाल दिया था, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि किसानों को समितियों से घटी हुई नई दरों पर खाद दी जाएगी। जिन किसानों ने पहले ही खाद खरीद ली थी, उन्हें नई और पुरानी दर की अंतर की राशि लौटायी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु वनोपजों का संग्रहण करने वाले वनवासियों को इसका लाभ दिलाने के लिए राज्य सरकार ने न सिर्फ समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपज 7 से बढ़ाकर 52 की, अपितु वनोपजों के संग्रहण का काम करने वाले महिला स्व-सहायता समूहों और सोसायटियों के माध्यम उनका प्रसंस्करण का काम भी दिया गया है। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना में इस बार नया प्रावधान किया गया है कि जिन खेतों में किसानों ने पिछली बार धान की फसल ली थी, यदि इस बार उनमें धान के बदले दूसरी फसल लेते हैं या फिर वृक्षारोपण करते हैं, तो धान पर मिलने वाली आदान सहायता की तुलना में ज्यादा आदान सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत ऐसा ही प्रावधान पंचायतों के लिए भी किया गया है। पंचायतें खाली जमीन पर वृक्षारोपण करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनांदगांव जिले में मनरेगा में अच्छा काम हुआ है। वहां इस योजना में 111 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले में अभी कुछ साल तक नक्सलवादी गतिविधियां विकास में बाधक थी, लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा, विकास और विश्वास की नीति के अमल से यहां लोगों को मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि छुईखदान-बकरकट्टा मार्ग पर पहाडों को काटकर सड़क बनाने का काम पूरा हो चुका है। 9 मोड़ वाली यह सड़क वनवासियों के जीवन में भी एक नया मोड़ लाएगी। उन्होंने राजनांदगांव और धमतरी जिले में वनवासियों को व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार पट्टों के वितरण के अच्छे काम की भी सराहना की।

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