रायगढ़। डेंगू से बचाव के लिए घरों में जहां पर भी साफ पानी का जमाव होता है, जैसे कूलर, गमला, फ्लावर पॉट फ्रिज के पीछे आदि की नियमित सफाई जरूरी है। इससे मच्छर का लार्वा नहीं पहना है और मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया से बचाव होता है। उक्त बातें कमिश्नर सुनील कुमार चंद्रवंशी ने निगम स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डेंगू होने की शिकायत शहर के कुछ वार्डों से आने लगी हैं। इसके लिए सतत रूप से अभियान चलाने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फागिंग और दवा छिडक़ाव का कार्य शुरू कर दिया गया है। रोटेशन पर हर रोज विभिन्न वार्डों में फागिंग और दवा छिडक़ाव किया जा रहा है। पिछले तीन दिनों में शहर के 13 वार्डों में फॉगिंग किया गया है। इस पर कमिश्नर श्री चंद्रवंशी ने निगम स्वास्थ्य विभाग और सीएमएचओ कार्यालय के कर्मचारियों से समन्वय कर शहर के सभी वार्डों में डोर टू डोर जन जागरूकता अभियान चलाने की बात कही। अभियान के तहत वार्ड वासियों के कूलर, गमले, फ्रिज के पीछे में जमे पानी की सफाई करने के साथ लार्वी साइट टेमीफोस और मेलाथियान दवा का छिडक़ाव करने के निर्देश दिए।
निर्देश के तहत शुक्रवार से स्वास्थ्य विभाग की टीम और निगम के कर्मचारियों की टीम द्वारा विभिन्न वार्डों में डोर टू डोर जन जागरूकता, दवा छिडक़ाव अभियान शुरू करने की बात जिला मलेरिया एवं डेंगू नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉक्टर टी जी कुलवेदी ने कही। अभियान के दौरान वार्ड वासियों से घरों में पानी का जमाव नहीं होने देने कूलर, गमले, फ्लावर पॉट, टायर, फ्रिज के पीछे आदि जहां पर भी पानी भरा हो उसकी नियमित सफाई या लार्वी साइट दवा का छिडक़ाव करने की अपील की जाएगी। मच्छर नियंत्रण एवं लार्वी साइट संबंधित दवा पर्याप्त स्टॉक पर होने की जानकारी जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर कुलवेदी ने दी। डॉ कुलवेदी ने बताया कि लार्वी साइट टेमीफास के ढाई एमएल से 10 लीटर दवा का घोल बनता है। इसमें एक लीटर टेमीफास से 4 हजार घोल बनाया जा सकता है। इसी तरह लार्वी साइट बी टी आई के 1 लीटर से 200 लीटर पानी मिलाकर घोल बनाया जा सकता है। इस तरह वर्तमान में मच्छर नियंत्रण के लिए लार्विसाइड का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है।