नारायणपुर। जनजातीय बाहुल्य और माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग में खेल के माध्यम से विकास और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया गया है। इस आयोजन को लेकर युवाओं में विशेष उत्साह देखा गया, जिसमें सुदूर गांवों से आए युवा अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री साय ने इस पहल को जनजातीय संस्कृति और पारंपरिक खेलों के संरक्षण के साथ ही युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया है।
नारायणपुर जिले में जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक प्रतियोगिता का आयोजन 22 से 23 नवंबर तक किया गया। प्रतियोगिता का आयोजन नारायणपुर के परेड ग्राउंड और खेल परिसर में किया गया, जिसमें जिले के खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आज जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के गृह एवं जेल पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला स्तरीय ओलंपिक में जीतने वाले खिलाड़ियों को 5 से 10 दिसंबर तक जगदलपुर में आयोजित होने वाले संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में जीतने के लिए उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री अमित साह द्वारा 5 अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का निर्णय लिया गया, जिसके समाप्त होने से देश में एक ही संविधान लागू हो गया है। बस्तर को विकसीत करने के लिए अंदरुनी गांव तक सड़़क, पुल पुलिया, आंगनबाड़ी, स्कूल, पेयजल, बिजली, मोबाईल टावर लगाए जाएंगे। बस्तर की तस्वीर को बदलने का कार्य मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में कार्य किया जा रहा है। बस्तर को माओवादी मुक्त बनाने में आप सभी की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि माओवादियों ने बस्तर की जनता को विकास से अलग रखने का मनसूबा बना लिया है, जिसके कारण अब तक अंदरूनी गांवो तक स्कूल, सड़क, पुल पुलिया और पेयजल नहीं पहुंच पाई है और बस्तर के बच्चों को अशिक्षित बना रहें हैं। उनके मनसूबों को सफल होंने नहीं देंगे 31 मार्च 2026 तक बस्तर संभाग को माओवादी मुक्त बनाने का संकल्प हम सब को लेना पड़ेगा। गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि माओवादियों को डटकर सामना करने के लिए हमें आगे आना होगा। बस्तर को शांत प्रदेश, प्रगतिशील, उन्नतीशील और विकसित बनाने में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति और परंपरा को बचाए रखने के लिए हम सबको आगे आने की आवश्यकता है। बस्तर के खिलाड़ियों में एक अद्भुत प्रतिभाएं हैं, जिसको निखारने के लिए यह बस्तर ओलंपिक के माध्यम से अच्छा अवसर मिला है, जिसे आप लोग अच्छे से प्रदर्शन कर खेल को आगे बढ़ाएं। बस्तर में प्रचुर मात्रा में जल जंगल जमीन है उसको संरक्षित कर अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए योगदान दें। अबूझमाड़ के पहुंचविहीन क्षेत्र में सड़क, पुल पुलिया, पेयजल, स्कूल, आंगनबाड़ी, उप स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया जा रहा हैं, शीघ्र ही अबुझमाड़ मुख्य धारा से जुड़ने लगेगा। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ओरछा और नारायणपुर में 50-50 लाख रूपये से निर्मित खेल मैदान बनाने की घोषणा की।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के द्वारा बस्तर ओलंपिक 2024 के जिला स्तरीय के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण किया। उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में खेल भी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए खेल में लक्ष्य निर्धारित कर अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए परिश्रम करना आवश्यक है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप गांव के प्रतिभाओं को निखारने का अच्छा समय मिला है इस अवसर का फायदा उठाते हुए राज्य स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित कर खेल के क्षेत्र में आगे बढ़े। खिलाड़ियों को हमेशा खेल भावना के साथ खेलकर अपने अनुशासन का परिचय देना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र के बच्चों ने मलखम्भ खेलों का हुंनरबाज बनकर देश के कई शहरों में प्रदर्शन कर अपने अबूझमाड़ का नाम रोशन किया है। आयोजन में सहभागिता प्रदान करने वाले खिलाड़ियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता खिलाड़ी को पुरस्कार स्वरूप मोमेंटों, ट्राफी, प्रमाण पत्र और गणवेश भी प्रदाय किया गया। आयोजन में भाग लेने वाले समस्त प्रतिभागियों को समहभागित प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया।
कलेक्टर बिपिन मांझी ने अपने उदबोधन में कहा कि बस्तर संभाग में खेल के माध्यम से विकास और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन ने क्षेत्र के युवाओं में विशेष जोश और उत्साह भर दिया है। मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों से आए प्रतिभावान युवा अपनी खेल प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पहल को न केवल जनजातीय संस्कृति और पारंपरिक खेलों के संरक्षण के लिए अहम बताया है, बल्कि इसे युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का महत्वपूर्ण प्रयास भी माना है। इस प्रकार यह आयोजन विकास और संस्कृति के समावेशी उत्थान का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस आयोजन में विभिन्न खेल विधाओं जैसे एथलेटिक्स, बैडमिंटन, कराटे, तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी, फुटबॉल, वॉलीबॉल और रस्साकसी की प्रतिस्पर्धाएँ शामिल हैं। जिले के युवाओं ने इन खेलों में अपनी सक्रिय और उत्कृष्ट भागीदारी दर्ज कर आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बस्तर ओलंपिक 2024 क्षेत्र के युवाओं की ऊर्जा और सामर्थ्य को निखारने के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को एक नई पहचान देने का सशक्त माध्यम बन रहा है।