सभा स्थल में प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई झड़प, मुख्यमंत्री ने रद्द किया दौरा
ज़मकर हुआ बवाल
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा शाम 4 बजे बुलाए गए बंद के घंटों बाद, शहर में पुलिस कार्रवाई में कई लोगों के मारे जाने और घायल होने की अफवाहें उड़ रही हैं. हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई थी. जंगलों से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने के विरोध में बुलाए गए आठ घंटे के बंद से आदिवासी बहुल दक्षिणी मणिपुर जिले में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा.
इससे पहले दिन में चुराचांदपुर जिले के न्यू लमका में सद्भावना मंडप में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जहां मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह एक जनसभा को संबोधित करने वाले थे. हालांकि, विरोध और बंद के आह्वान के बाद मुख्यमंत्री ने दौरा टाल दिया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि न्यू लमका, तुइबोंग बाजार, सिएलमत ब्रिज, लनवा ब्रिज और टी चम्फाई जैसे इलाकों से प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव, आंसू गैस के गोले दागने और सुरक्षाकर्मियों द्वारा रबड़ की गोलियां दागने की सूचना मिली है.
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस को न्यू लमका में इकट्ठा हुई और बंद प्रभावित शहर में तैनात सुरक्षा बलों पर पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
अधिकारियों के मुताबिक, 'पत्थरबाजी के बावजूद कोई घायल नहीं हुआ. स्थिति पर नजर रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी.' दरअसल, मुख्यमंत्री का सद्भावना मंडप में एक जनसभा को संबोधित करने और न्यू लमका शहर में पीटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक ओपन जिम का उद्घाटन करने का कार्यक्रम था. हालांकि, गुरुवार को प्रदर्शनकारी भीड़ ने कार्यक्रम स्थल पर हमला किया और लगभग 100 कुर्सियों और अन्य उपकरणों में आग लगा दी थी.