रायपुर: मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक लेकर आगामी एक नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों के संबंध में समीक्षा की। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में एक नवम्बर से धान की खरीदी शुरू होगी। बैठक में किसान पंजीयन, धान का रकबा, गिरदावरी, कस्टम मिलिंग, धान परिवहन वित्तीय व्यवस्था सहित धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं की तैयारी की समीक्षा की गई। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में एक लाख दस हजार मीटरिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। धान खरीदी के लिए नये किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक होगा।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हर हाल में एक नवम्बर से पहले तक राज्य के सभी उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक नवम्बर से धान खरीदी को ध्यान में रखते हुए सभी समितियों में बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने समितियों को बारदाने की आपूर्ति करते समय अधिकारियों को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए कि जिन समितियों में धान की आवक ज्यादा होती है, वहां बारदाना आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में की जाए। किसानों से खरीदे जाने वाले धान के एवज मेें एक नवम्बर से ही राशि का भुगतान किसानों के खाते में किए जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए। फसल चक्र में परिवर्तन करने वाले किसानों को विशेष रूप से चिन्हांकित करने कहा गया है। किसानों द्वारा बोये गए रकबे का सत्यापन के लिए गिरदावरी का काम 30 सितम्बर तक अनिवार्य रूप से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव जैन ने धान के परिवहन के लिए 15 अक्टूबर तक परिवहनकर्ताओं से अनुबंध की प्रक्रिया पूरी करने कहा है। सीमावर्ती जिलों में संवेदनशील धान खरीदी केन्द्रों का चिन्हांकन करने और उनकी निगरानी के लिए विशेष दल गठित करने के भी निर्देश दिए गए। नए जिलों में धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा करते हुए वहां मार्कफेड एवं बैंक के अधिकारियों को तत्काल कार्य शुरू करने कहा गया है। बैठक में कृषि विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा, राजस्व सचिव एन.एन.एक्का, विशेष सचिव सहकारिता हिमशिखर गुप्ता, नान एमडी निरंजन दास, संचालक कृषि अयाज तम्बोली सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।