मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की अपने विभागों सहित 3 मंत्रियों के विभागों की बजट तैयारियों की समीक्षा
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में अपने विभागों सहित केबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर और कवासी लखमा से संबद्ध विभागों की बजट तैयारियों की समीक्षा की। बघेल ने बैठक में ऊर्जा विभाग, विमानन, सामान्य प्रशासन, वित्त, खनिज साधन, जनसंपर्क, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, वाणिज्यिक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, संसदीय कार्य, कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन, मछली पालन, जल संसाधन एवं आयाकट, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की बजट तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।
ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जाए: मुख्यमंत्री बघेल
सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए नई उद्योग नीति की तर्ज पर जल्द ही ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। बघेल आज अपने निवास कार्यालय मेें आयोजित कार्यक्रम में पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को गोबर क्रय तथा लाभांश राशि के ऑनलाइन वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रय में 8 करोड़ 23 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रय को संबोधित करते हुए कहा कि गौठान से जुड़े रूरल इंडस्ट्रियल पार्क अधिकतर जगहों पर क्रियाशील हो रहे हैं। अब यह पूर्णरूप से कार्य करें उसके पहले हमें ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की दिशा में कार्य करना होगा इसके लिए संबंधित विभाग जल्द प्रक्रिया पूर्ण करें। जिससे कि जब पूर्ण रूप से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क कार्य करना प्रारंभ करेंगे तो इनसे जुड़े हितग्राहियों को बैंक से ऋण लेना तथा अन्य व्यवसाय शुरू करने में मदद मिल सके। मुख्यमंत्री ने पशुपालकों सहित गौठान से जुड़े महिला समूहों को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि वे लगातार रिकाॅर्ड बना रहे हैं। 8.23 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 403 करोड़ 58 लाख रूपए हो जाएगा। इसी प्रकार गोबर विक्रेताओं को 4.76 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 206 करोड़ 49 लाख रूपए हो जाएगा। उन्होंने गोबर से बिजली उत्पादन के लिए शुरू की गई बिजली यूनिट पर खुशी जाहिर करते हुए, इन यूनिटों से उत्पादित बिजली को पाॅवर ग्रिड से जोड़ने और बिजली की कीमत तय करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि राज्य में अब तक 4927 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की जमा पूंजी से गोबर क्रय करने लगे हैं। अभी तक जो गौठान समूह जो दीया, वर्मी कम्पोस्ट इत्यादि बना रहे थे अब वे बिजली उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जो बिजली उत्पादन के लिए एमओयू किए गए थे, उनमें बेमेतरा और बस्तर की यूनिट जमीनी स्तर पर मूर्त रूप ले चुकी है। अब इसे उत्पादित बिजली को पावर ग्रिड से जोड़ने और इससे उत्पादित बिजली की कीमत तय करने का कार्य जल्द पूरा करें।