स्व सहायता समूह की महिलाओं को बकरी और मुर्गीपालन के लिए चूज़ा वितरण किया गया
जशपुर। जिले के सभी गोठानों को स्वावलंबी बनाने के लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है, साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न आजीविका से जोड़ा गया है। समूह की महिलाएं गोठान में विभिन्न गतिविधियों में शामिल होकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन गई है। इसी कड़ी में करडेगा गोठान की समूह की महिलाओं को पशुपालन विभाग द्वारा बकरी इकाई और मनोरा विकास खंड के 5 गोठान में मुर्गी पालन के लिए समूह को चूज़ा वितरण किया गया है।
एक लाख पचास हजार से अधिक लोगों की हुई मलेरिया जांच
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ चंद्रभान प्रसाद बंसोड़ की अध्यक्षता में जिले में चलाये जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य अभियानों की आज समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में सी 3 जिला समन्वयक महेश झरकर, देवली सिन्हा, सुकमा ब्लाक समन्वयक गीता बंजारे, चंपावती बघेल, छिंदगढ ब्लाक समन्वयक शामबत्ती बघेल, प्रेमबत्ती नाग कोन्टा ब्लाक समन्वयक पुष्पलता बघेल, कथ्थुराम सिंघामे, स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक अनिशा वर्मा, तिलो नाग, दमयंती नाग आदि उपस्थित थे।
इसके तहत मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान छठवा चरण की समीक्षा की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बंसोड़ ने बताया कि मलेरिया जांच अभियान में सुकमा जिला में 3 जून 2022 तक 150862 लोगों की मलेरिया जांच की गई। इसमें 266 लोग ही पॉजिटिव मिले। पॉजिटिव दर मात्र 0.17 प्रतिशत है। प्राप्त मलेरिया मरीजों का समुचित उपचार किया गया। जिले में 19 मई से 28 मई तक मितानिनों द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाने और संवेदीकरण का अच्छा प्रयास किया गया था। सेनेटरी पैड और सेनेटरी नैपकिन मुफ्त वितरण कर जन जागरूकता अभियान चलाया गया।
1500 गर्भवती महिलाओं का भी मलेरिया जांच किया गया। इसमें पाये गये 4 मलेरिया मरीज गर्भवती महिलाओं का समुचित उपचार किया गया। एनीमिया मुक्त के लिए ग्राम स्तर पर विशेष प्रयास किया गया। बच्चों में आयरन की कमी को दूर करने के लिए प्रत्येक स्कूल में 10 वर्ष की आयु से लेकर 19 वर्ष की आयु तक के छात्र-छात्राओं को आयरन की गोलिया निःशुल्क खिलाई जा रही है। गर्भवती महिलाओं और किशोर किशोरियों का सिकलसेल जांच विशेष किट द्वारा किया जा रहा है।