छत्तीसगढ़: बेरोजगार डिग्रीधारी, डिप्लोमाधारी, राजमिस्त्रियों को भी आसानी से मिलेगा रोजगार
छत्तीसगढ़। लोकवाणी कार्यक्रम के 14वें कड़ी का आयोजन जिले के नवीन ग्राम पंचायत माकड़ी सिंगराय में सामुहिक श्रवण किया गया, जिसे ग्रामीणों ने उत्साह पूर्वक श्रवण किया। मुख्यमंत्री ने रेडियों के माध्यम से युवाओं से मुखातिब होते हुए कहा कि वर्ष 2021 बहुत से कारणों से, नई उम्मीदों का नया वर्ष बनकर आया है। आप सबकी बदौलत ही छत्तीसगढ़ ने कोरोना काल में भी बहुत उपलब्धियां हासिल कीं, जिसके कारण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को ख्याति मिली, हमारी उपलब्धियों के पीछे एक बहुत बड़ी ताकत हमारी युवा शक्ति है। निश्चित तौर पर आप सबके जज्बे की बदौलत हम छत्तीसगढ़ को प्रगति, खुशहाली और समृद्धि के जिस रास्ते पर ले जा रहे हैं, उसमें सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी को, उनके जन्मदिन के अवसर पर, प्रदेश की जनता की ओर से नमन करता हूॅ। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था, उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त एक प्रसिद्ध अधिवक्ता थे, उनकी माता धार्मिक विचारों वाली घरेलू महिला थीं। स्वामी विवेकानंद के सामने अपने पिता के रास्ते पर आगे बढ़ने का एक आसान, सुखद और समृद्धि से भरा विकल्प था, लेकिन उनका मन मानव जाति की सेवा में रमा, बहुत छोटी-सी आयु में ही वे स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बन गए और वेदांत तथा आध्यात्मिक ज्ञान के शिखर की ओर बढ़ चले, 11 सितम्बर 1893 को शिकागो की धर्मसंसद में स्वामी विवेकानंद के व्याख्यान ने स्वयं उन्हें तथा भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई, स्वामी विवेकानंद को युवाओं का आदर्श माना गया है। मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है कि भारत में 'राष्ट्रीय युवा दिवस' का आयोजन 12 जनवरी 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में शुरू हुआ था। इस तरह हमने स्वामी विवेकानंद को युवाओं के प्रेरणा स्रोत के रूप में आत्मसात किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी जी के शब्दों में ही युवाओं का आह्वान करता हूं कि 'एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो, उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार पर जियो, मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों और शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो, दूसरे विचार को अकेला छोड़ दो, यह सफलता का मार्ग है। स्वामी विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ प्रवास हमें उस यश और गौरव से जोड़ता है, जो उन्होंने मात्र 39 वर्ष की उम्र में ही कमा लिया था। यही वजह है कि हम रायपुर में स्वामी जी की यादों को सहेजने का काम कर रहे हैं। जहां तक हमारे छत्तीसगढ़िया युवाओं का सवाल है तो मुझे यह देखकर गर्व होता है कि आप लोग हर मंच पर छत्तीसगढ़ का झण्डा गाड़ कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं। बहुत दूर नहीं, हाल के दो वर्षों की बात करूं तो ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारी बस्तर की एक बेटी नम्रता जैन यूपीएससी में देश में बारहवें स्थान पर रही हैं। अब देखिए कि कम समय में ही हमने प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं जुटाने का काम शुरू कर दिया है। हॉकी, फुटबाल, बैडमिंटन, तीरंदाजी, वालीबॉल, कबड्डी आदि खेलों के निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष मनाए गए युवा महोत्सव की याद आ रही है, जिसमें ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक युवाओं ने भाग लिया था और हजारों युवा साथी राज्य स्तरीय प्रदर्शन के लिए रायपुर आए थे। इस वर्ष कोरोना के कारण वैसा आयोजन नहीं हो पा रहा है, लेकिन हम प्रयास करेंगे कि भविष्य में कोई बड़ा आयोजन हो सके। उन्होंने कहा कि बेरोजगार डिग्रीधारी, डिप्लोमाधारी, राज मिस्त्री को भी आसानी से रोजगार दिलाने के लिए पृथक से निविदा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई है। जिसके तहत स्नातक इंजीनियरों को एक बार में 50 लाख तक और वर्ष में 2 करोड़ रूपये तक का दिया जाएगा। डिप्लोमाधारी इंजीनियरों को एक बार में 25 लाख रूपये तक तथा वर्ष में अधिकतम एक करोड़ रूपये तक के कार्यों की पात्रता होगी। राज मिस्त्रियों को एक बार में 15 लाख रूपये तथा वर्ष में अधिकतम 60 लाख रूपये तक के कार्यों की पात्रता होगी।
सामुहिक श्रवण कार्यक्रम में माकड़ी सिंगराय के सरपंच सांवतराम नेताम, उप सरपंच नंदूराम उसेण्डी, पंच बिंदाजैन, दुर्गेश्वरी कुलदीप, गीता नेताम, यमुना मण्डावी, मितानीन बिमला जैन, महेशराम मण्डावी, रजऊ मण्डावी, संतराम जैन, लक्ष्मण जैन, बिसंबर शोरी, रगबीर शोरी, सिरमनी टाडिया, करारोपण अधिकारी राजेन्द्र राठौर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।