छत्तीसगढ़ : सुकमा गांव वालों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दावा, पुलिस ने चलाई गोली

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक नवनिर्मित शिविर के सामने सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई गोलीबारी में सोमवार को तीन लोगों की मौत हो गई

Update: 2021-05-18 17:30 GMT

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक नवनिर्मित शिविर के सामने सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई गोलीबारी में सोमवार को तीन लोगों की मौत हो गई. लेकिन अब ग्रामीणों का आरोप है कि वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन खत्म करने के लिए गोलियां चला दीं, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई. एक ग्रामीण मंगू पोडियाम ने कहा, "हमें पुलिस कैंप नहीं चाहिए और इसलिए हम विरोध कर रहे थे और यहां इकट्ठा हुए थे... उन्होंने पहले भी लाठीचार्ज किया था. सुरक्षा बलों की फायरिंग में 9 ग्रामीणों की मौत हो गई, 3 शव वो अपने साथ ले गये. छह ग्रामीण अभी भी लापता हैं, यहां 20 गांवों के करीब 5000 ग्रामीण आए थे. राहुल मडवी ने कहा, "मारे गए लोगों में तीमापुरा के उइका पांडु, गुंडम के रहने वाले भीमा उर्सम और सुडवा गांव के कवासी वागा हैं."

पुलिस ने कहा कि कथित तौर पर माओवादियों के दबाव में ग्रामीण पिछले कुछ दिनों से शिविर की स्थापना का विरोध कर रहे थे. विरोध के बीच माओवादियों ने आज शिविर पर गोलियां चला दीं.
बस्तर के महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने कहा, "रविवार की रात, वे अपने गांव लौट आए, लेकिन सोमवार दोपहर को, जगरगोंडा क्षेत्र समिति के कुछ माओवादियों सहित कुछ लोग शिविर में पहुंचे और गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, और गोलीबारी जारी रही। गोलीबारी रुकने के बाद, हमें तीन शव मिले जिनकी पहचान अभी बाकी है."
जहां अप्रैल में माओवादी हमले में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे, प्रदर्शन वहां से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर हो रहा था. हालांकि पुलिस सूत्रों ने कहा कि माओवादियों ने ग्रामीणों की आड़ में शिविर पर गोलियां चला दीं. गोलियां चलने के बाद जब ग्रामीण भागने लगे तो उनके बीच से नक्सलियों को चिन्हित कर सुरक्षाबलों ने उन्हें निशाना बनाया.


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