मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्री परिषद की बैठक आयोजित की गई। छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्तुत समस्त प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री सहित मंत्रीपरिषद के सभी सदस्यों ने छत्तीसगढ़ी में अपनी बात रखी। चर्चा की शुरूआत मुख्यसचिव ने छत्तीसगढ़ी में की।
1- आई.टी.आई के अंतिम परीक्षा में सम्मिलित होने वाले प्रशिक्षणार्थियों को प्रायोगिक प्रशिक्षण पूर्ण कराने हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं को खोले जाने का निर्णय लिया गया ताकि आई.टी.आई. के अंतिम वर्ष के प्रशिक्षणार्थी अखिल भारतीय व्यावसायिक परीक्षा ( एन.सी.व्ही.टी.) में शामिल हो सकें।
2- कृषि विभाग के द्वारा गोधन न्याय योजना के तहत संचालित राज्य शासन के विभागों के शासकीय संस्थानों /गौठानों के द्वारा उत्पादित जैविक खाद का शासन के अन्य विभागों द्वारा सीधे क्रय किया जा सकेगा। जैविक खाद की दर का निर्धारण कृषि विभाग समय -समय पर करेगा। जैविक खाद क्रय हेतु किसी भी विभाग को पृथक से निविदा बुलाया जाना आवश्यक नहीं होगा। उक्त आशय का संशोधन छत्तीसगढ़ शासन भंडार क्रय नियम 2020 में करने का अनुमोदन किया गया ।
3- छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 में निरस्त भूखंड पुर्नस्थापना एवं अन्य सुसंगत प्रावधानों में संशोधन का अनुमोदन किया गया।
4- छत्तीसगढ़ राज्य में लघु वनोपजो के प्रसंस्करण हेतु दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम जामगांव (एम) में लघुवनोपज की केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई की स्थापना का अनुमोदन किया गया। राज्य लघुवनोपज द्वारा प्रस्तावित इस केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई में लघुवनोपज के अंतर्गत आयुर्वेदिक दवाएं, जड़ी बूटी, शहद , लाख, चिरौंजी, महुआ, बेल, इमली, बांस इत्यादि का प्रसंस्करण होगा।
5- छत्तीसगढ़ राज्य में लाख पालन को कृषि का दर्जा देने तथा लाख उत्पादन को कृषि फसलों के अनुरूप अल्प कालीन कृषि ऋण एवं ब्याज अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया।