Chhattisgarh: रिटायर्ड कर्मचारी की याचिका पर संयुक्त संचालक शिक्षा को नोटिस जारी

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Update: 2024-07-13 02:58 GMT

बिलासपुर bilaspur news। सेवानिवृत्त होने के 11 साल बाद भी रिटायरमेंटल ड्यूज नहीं मिलाने पर पेश याचिका में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट High Court ने संयुक्त संचालक शिक्षा को नोटिस जारी कर तीन माह के भीतर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करने का निर्देश दिए हैं। बिलासपुर के तालापारा निवासी अब्दुल समद खान ने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार 12. मई 1976 को लोक शिक्षण संचालनालय के तहत संभागीय शिक्षा अधीक्षक बिलासपुर द्वारा उसे निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर पदस्थ किया गया था। chhattisgarh

chhattisgarh news उसका प्रमोशन अपर डिवीजन क्लर्क के पद पर किया था। कार्य कुशलता के आधार पर Joint Director of Education, Bilaspur संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर ने पांच जून 1993 को आदेश जारी कर उच्च श्रेणी लिपिक के पद से पदोन्नति देते हुए लेखापाल के पद पर कार्य करने का आदेश दिया। उसे शासकीय हाई स्कूल जरवे जिला जांजगीर में स्थानांतरित कर दिया। 15 जुलाई 2010 को उसे शासकीय हाई स्कूल जरवे से बिलासपुर स्थानांतरित कर दिया गया। 17 अगस्त 2010 को शासकीय हाई स्कूल सारधा विकासखंड बिल्हा जिला बिलासपुर में अस्थायी रूप से पदांकित कर दिया।

जहां पर कार्यरत रहते हुए 13 जुलाई 2013 को वह सेवानिवृत हो गया। सेवानिवृत्त होने के 11 साल बाद भी उसकी पेंशन एवं सेवानिवृत होने के बाद मिलने वाले लाभ का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है। सेवा अवधि के दौरान उसके खिलाफ कोई भी विभागीय कार्रवाई अथवा नोटिस लंबित नहीं रहा और ना ही कोई कार्यवाही ही प्रारंभ की गई थी। अब वे अत्यधिक अस्वस्थ हो चुके है और बीमारी से भी ग्रस्त है। वर्तमान में भी वह अत्यधिक अस्वस्थ चल रहे हैं। मामले में जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की एकल पीठ ने सुनवाई कर संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर को निर्देशित किया कि वह याचिकाकर्ता के पेंशन एवं सेवा अवधि के विभिन्न मदों की राशि एवं ग्रेच्यूटी का भुगतान प्राप्त करने संबंधी अभ्यावेदन पेश करने पर उसका निराकरण तीन माह के भीतर करें।

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